एक पाती बहन के नाम

एक पाती बहन के नाम

अब तौ सावन आयॉ ,बहना!आजा ओ,
कितने दिन गये बीत,न आयी!पीहर में।
माँ !बाबूजी नहीं रहे,ये मत सोचो,
मत रोको आँखो के,आंशू !अब पॉंछो,
तुझको प्यार प्यार करूगा,अब भी जी भर मै ।
कितने दिन गये बीत…………
तीजें और पंचमी भी,अब बीत गयी,
झूले बिन सावन की,है ये!रीत नयी,
अब मिठास!न रही,सेंवरी घे वर में।
कितने दिन गये बीत……………
भावज पलक बिछाये,राह निहार
रही,
भूमि,गौरी बुआ!बुआ कह हार रही,
अन्नू और समीर पुकारें दर दर में।
कितने दिन गये बीत………….
चार बहन दो भाई का था,ये परिवार
हमारा,
दो मर गयी एक की मति को,ईश्वर ने
हर डारा ,
तूही!एक बची है बहना !इस घर में।
कितने दिन गये बीत,न आयी पीहर में।।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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