रेखा जी से क्या सीखना है….उनसे बेहतर केस स्टडी शायद कोई नहीं…

बॉलीवुड की सदाबहार एक्ट्रेस रेखा हाल ही में कपिल शर्मा के शो में नजर आईं। वही हंसी, चेहरे पर वही ग्लो, देखकर लगा मानो उनके लिए वक्त थम गया है। कपिल के सवालों पर रेखा के जवाबों से शो में खूब तालियां बजीं, लेकिन तालियों के शोर में अकेलेपन में वो कसक भी महसूस हुई, जो रेखा के दिल में बरसों से है। रेखा की अधूरी प्रेम कहानी की दास्तां दुनिया जानती है, लेकिन इस अधूरेपन से लड़कर अपनी लाइफ को इस मुकाम पर लाने के लिए उन्हें कितना संघर्ष करना पड़ा, इसका उत्तर केवल उन्हीं के पास है।

कल्पना कीजिये आप एक कमरे में हैं और वह कमरा पूरी तरह खाली है। अब चलिए इस इमेजिनेशन को थोड़ा एक्सपेंड करते हैं। कमरे की जगह आप पूरे शहर में अकेले हैं। ऐसा कोई भी नहीं है, जिससे आप अपना सुख-दुःख शेयर कर सकते हैं, जिसके साथ बिना कुछ सोचे खिलखिलाकर हंस सकते हैं। रोना चाहें तो उसके कंधे पर सिर रखकर रो सकते हैं। बिना यह सोचे कि कि वह आपको कैसे जज करेगा?

रेखा ने कभी खुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया
पूरी जिंदगी अधूरे प्यार के साये में बिताना, यह इमेजिनेशन ही कितनी दर्दनाक है और रेखा ने इस दर्द को बाकायदा जीया है। एक्ट्रेस रेखा उम्र की उस दहलीज पर हैं, जहां तक पहुंचते-पहुंचते अक्सर लोग लाइफ को लेकर उतने पैशनेट नहीं रहते। उनकी जिंदगी का खालीपन उनकी हर खुशी पर भारी पड़ने लगता है, लेकिन रेखा को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। वह अपनी लाइफ को लेकर आज भी उतनी ही पैशनेट हैं, जितनी उस समय थीं, जब उनकी इनकम्पलीट लव स्टोरी बुनी जा रही थी।

बॉलीवुड में ऐसे कई उदाहरण मिल जाएंगे, जहां रिश्ते की डोर के टूटते ही जीवन की डोर भी टूट गई। डिप्रेशन के पीछे नाकाम या अधूरी प्रेम कहानी भी शामिल है। रणबीर कपूर से ब्रेकअप के बाद दीपिका पादुकोण का डिप्रेशन का खतरनाक दौर इसकी बानगी है, मगर रेखा ने दुख और गम की बारिश के बीच भी खुद को कभी इतना कमजोर नहीं होने दिया। रेखा और उनका जीवन अपने आप में एक केस स्टडी है, जिनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है और अनुभव किया जा सकता है।

रेखा के जीवन से सीखने को मिला जिंदगी का सच
एक्ट्रेस रेखा के जीवन पर नजर डालें तो भावनाओं के समंदर में खुद को निराशा की लहरों से कैसे बचाए रखना है, यह उनसे सीखा जा सकता है। प्यार मुकम्मल हो या न हो, किसी को शिद्दत से प्यार कैसे किया जा सकता है, यह उनसे सीखा जा सकता है। दुनियाभर के तानों और तंज का सामना खिलखिलाहट के साथ कैसे किया जा सकता है, यह उनसे सीखा जा सकता है।

स्टारडम के शिखर पर बैठकर भी पैर जमीं पर कैसे रखे जा सकते हैं, यह भी उनसे सीखा जा सकता है। रेखा ने मजबूती के साथ अपनी लाइफ को जीया है, लेकिन 1981 से पहले का वो ‘सिलसिला’ आज भी उनके दिल में सुनहरी याद बनकर धड़कता है, इसलिए जब भी बीते दिनों की बात आती है तो रेखा के जज्बात शब्दों के रूप में बाहर निकल आते हैं, जैसा कि कपिल शर्मा के शो में देखने को मिला।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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