पिंजरे में कैद हुआ किसान को निवाला बनाने वाला बाघ,बकरे की लालच में जाल में फंसा

किसान की मौत से इलाके में थी दहशत,बाघ के पकड़े जाने से लोगों ने ली राहत की सांस

लखीमपुर खीरी।उत्तर प्रदेश के‌ लखीमपुर खीरी जिले में दक्षिण खीरी वन प्रभाग में आतंक का पर्याय बना बाघ को आखिरकार वन विभाग ने पिंजरे में कैद कर ही लिया।बकरे की लालच में बाघ पिंजरे में फंस गया।कुछ दिनों पहले मन्नापुर गांव के 50 वर्षीय किसान पर बाघ ने हमला कर मार डाला था।इसके बाद से वन विभाग की टीम आदमखोर को पकड़ने के प्रयास में लगी थी।मन्नापुर गांव में ही वन विभाग ने पिंजरा लगाया था।

महेशपुर रेंज के मन्नापुर गांव में बीते 21 नवंबर को दोपहर लगभग तीन बजे वन विभाग को जानकारी मिली कि बाघ ने एक व्यक्ति को हमलाकर मार दिया है।वनकर्मियों की टीम ने घटना स्थल का जायजा लिया था।टीम ने‌ पाया कि 50 वर्षीय कन्धई लाल निवासी मन्नापुर को किसी वन्यजीव ने हमलाकर मार दिया था।तत्काल क्षेत्र की कॉम्बिंग कराई गई थी‌।कॉम्बिंग में पाया गया था कि देवीपुर बीट मोहम्मदी रेंज स्थित घटनास्थल आरक्षित वन क्षेत्र से एक किलोमीटर हवाई दूरी पर स्थित है। इस इलाके में बाघ की उपस्थिति पाई गई थी। किसान कंधई लाल का एक पैर और कूल्हे का हिस्सा बाघ खा गया था।ग्रामीणों के मुताबिक कंध‌ई लाल अपने खेत में सिचाई करने अकेले गया था,जिस पर बाघ ने हमला कर दिया था।

इसके बाद घटनास्थल के पास ही वन विभाग ने पिंजरा लगाया।बाघ को फंसाने के लिए पिंजरे में बकरे को बांधा गया। यह तरकीब काम कर गई।बाघ बकरे की आवाज पर पिंजरे के पास पहुंच गया और‌ जैसे ही पिंजरे में बंद बकरे को शिकार बनाना चाहा वह कैद हो गया।शनिवार सुबह बाघ के दहाड़ने की आवाज पर ग्रामीणों को पता चला।इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गयी।

दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ संजय बिस्वाल ने बताया कि बाघ काफी तंदुरुस्त है।हमारी मेडिकल टीम बाघ के स्वास्थ्य का परीक्षण कर रही है।अभी बाघ काफी आक्रामक नजर आ रहा है, इसलिए उसको शांत करने की कोशिश की जा रही है।उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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