इलाहाबाद हाईकोर्ट नें धार्मिक शिक्षा पर फंडिंग को लेकर कई महत्वपूर्ण सवाल उठाये हैं।

हाईकोर्ट ने सवाल किया कि क्या एक धर्म निरपेक्ष राज्य मदरसों को फंडिंग कर सकता है?
क्या संविधान के अनुच्छेद 28 के अंतर्गत मदरसे धार्मिक शिक्षा संदेश और पूजा पद्धति की शिक्षा दे सकते हैं? हाईकोर्ट नें राज्य से पूंछा है:
क्या मदरसों में महिलाओं के प्रवेश पर रोक है?
क्या मदरसे मौलिक अधिकारों के तहत सभी धर्मों के विश्वासों को संरक्षण दे रहे हैं?
क्या यहां अनुच्छेद 21 और 21ए के तहत खेल के मैदान हैं?
क्या सरकार दूसरे धार्मिक शिक्षा संस्थानों को फंड दे रही है?
जस्टिस अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर यह आदेश दिया है।
इस मदरसा बोर्ड को राज्य की ओर से सहायता मिलती है। हाईकोर्ट ने इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए राज्य सरकार को 4 हफ्तों का समय दिया है, अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी।