स्वास्थ्य विभाग की बागडोर यमराजों के हांथ मेंफर्जी अस्पताल संचालकों का आतंक चरम पर

गरीब और मजलूमों की जेब में डाल रहे ढांका

एटा अलीगंज मे दर्जनों की तादात में चल रहे अस्पताल और क्लीनिक डाल रहे गरीब और मजलूम लोगों की जिंदगी खतरे मे आपको बताते चले की जनपद एटा की तहसील अलीगंज में तमाम क्लीनिक अस्पताल संचालित है जिन पर किसी भी प्रकार की कोई भी डिग्री और रजिस्ट्रेशन नहीं है उसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के बैठे मुखिया ऐसे यमराजों को स्वास्थ्य विभाग की बागडोर संभालने को क्यों दे देते हैं क्या इस तरीके की हो रहीं घटनाओं पर प्रशासन कोई संज्ञान लेगा या फिर ऐसे ही मरीजों को काल के गाल में झोंकने के लिए मौतों का लाइसेंस देते रहेंगे जिससे कि लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो सके पूर्व में प्रसव के दौरान प्रसूता और नवजात बच्चे की मृत्यु होने के बावजूद भी अस्पताल संचालक पर नहीं हुई थी कोई भी कार्यवाही उसके बाद भी वंशिका हेल्थ क्लीनिक के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने के लिए अलीगंज अमरोली रोड स्थित बालाजी मोबाइल के 100 मीटर आगे वंशिका हेल्थ क्लीनिक के नाम से अस्पताल संचालित कर लिया गया है क्या ऐसे अस्पताल संचालकों पर कार्यवाही के वजह पीठ थपथपाने का कार्य कर रहा है स्वास्थ्य विभाग या फिर मौतों का तांडव करने के लिए लाइसेंस देकर के क्लीनिक के रूप में संचालित करा दिया गया है।
प्रसूता और नवजात बच्चे की हुई मौत से अस्पताल संचालक हो गया था रफू चक्र

क्या ऐसे डॉक्टरों पर कोई डिग्री है जिसके चलते महिलाओं की जिंदगी से कर रहे हैं खिलवाड़ आपको बताते चलें कि जब पूर्व में प्रसूता और नवजात बच्चे की मृत्यु हुई थी उस समय अस्पताल संचालक प्रसूता और नवजात बच्चे को छोड़कर के फरार हो गया था उसके बावजूद भी किसी भी प्रकार की कोई भी कार्यवाही नहीं की गई और कुछ समय के लिए अलीगंज छोड़कर के दूसरी जगह प्रस्थान कर गया था उसके बाद एक महीने से दोबारा वंशिका हैल्थ क्लीनिक के नाम से संचालित अस्पताल है लेकिन लगातार महिलाओं की डीएनसी से लेकर के डिलीवरीयां की जा रही है और नॉर्मल डिलीवरी के नाम पर हजारों रुपए ऐठने का काम कर रहे हैं जब मरीज की हालत बिगड़ने पर आती है तो ऐसे कुकुरमुत्ता डॉक्टर मौके से फरार हो जाते हैं क्या ऐसे फर्जी डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग कोई संज्ञान लेगा या फिर कुंभ करड़ी निद्रा में सोए रहेंगे और जनपद में मौतों का तांडव देखते रहेंगे मुख्य चिकित्साधिकारी यूके त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने बताया कि क्लीनिक संचालक ने डिग्री वाली रजिस्ट्रेशन संख्या डाली होगी जांच कर कानूनी कार्रवाई करते हैं।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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