कालेज मोर से सिदो मुर्मू कान्हु मुर्मू चौक तक रैली निकाली

झारखंड न्युज आदिवासी सेगेल अभियान का विज्ञप्ति जामताड़ा आज दिनांक 12/5/23 को जामताड़ा जिला के कुण्डहित से गेल बीडीओ गौरी शंकर टुडू की अध्यक्षता में आदिवासी से गेल अभियान के नेता और कार्यकर्ता द्वारा कुण्डहित कालेज मोर से सिदो मुर्मू कान्हु मुर्मू चौक तक रैली निकाली और सुभाष चन्द्र बोस चोक में jm m पार्टी , वंशनुगत मांझी – परगना ,संताली भाषा व ओल चिकी विरोधीयों , आदिवासी के देवता मरांग बुरु को अपमान करने वाले ईसाई मिशनरी का पुतला दहन कार्यक्रम किया गया। गौरी शंकर टुडू ने कहा कि आदि वासी गांव समाज में नशापान अधंविश्वास ,डायन प्रथा , राजनीतिक कुपोषण और आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता आदि को खत्म करने की बजाय आदिवासी स्वाशासन व्यवस्था के वंशानुगत मांझी -परगना उसे बराते है। जनतंत्र संविधान ,कानून और मानव अधिकार को भी नहीं मानते हैं। अंततः आदिवासी गांव – समाज एकजुट होकर अपनी हासा – भाषा जाति धर्म रोजगार आदि को बचाने में असमर्थ है। परन्तु इन विपरीत परिस्थितियों में एकजुटता लाने और समाज सुधार के कार्य को आगे बढ़ाने में संघर्षरत हैं। से गेल सारना धर्म कोड की मान्यता , संताली भाषा को झारखंड प्रदेश प्रथम राजभाषा बनाने ,कुर्मी को आदिवासी बनाने वाले राजनीतिक दलों को विरोध करना ,असम अंडमान झारखंडी आदिवासीयो को अविलंब एसटी का दर्जा देने मांझी परगना स्वाशासन व्यवस्था में सुधार लाना , झारखंड प्रदेश आबु आ दिशोम आबु आ राज स्थापित करने के आंदोलनरत हैं। वीररवटा सिदो कान्हु मुर्मू के नेतृत्व में संथाल विद्रोह का प्रतिफल एतिहासिक संथाल परगना को हर किमत पर बचाने के लिए से गेल अभियान कत संकल्प है।इसको बर्बाद करने के लिए परंपरा के नाम पर वंशानुगत नियुक्त मांझी परगना, ईसाई मिशनरी और झारखंड मुक्ति मोर्चा एवं उसके अंधभक्त की तिकड़ी काम कर रहा है। वोट बैंक लालच में जेएमएम पार्टि ने संथाल परगना कोई ईसाई , मुसलमान और अधिकांश अनपढ़ पियक्कड़ संविधान कानून से अनभिज्ञ मांझी परगना आदि को संथाल परगना सौंपा दिया है। नतीजा आए दिन सरना आदिवासी का शोषण, उत्पीरन ,रेप और मर्डर जारी है। से गेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मु खतियानधारी झारखंडी है।सच्चे , ईमानदारी,ज्ञानी जुझारू एकमात्र राष्ट्रीय आदिवासि नेता हैं। उनके खिलाफ कोई परेशानी है तो वह तिकड़ी से जुड़े लोग परेशान है। संथाल परगना के सारना आदिवासीयों को बचाने वाले केवल एक नेता हैं सालखन मुर्मु और उनके मार्गदर्शन में काम कर रहा है आदिवासी से गेल अभियान। अंग्रेजों के समय बनाए गए एसपीटी कानून में धारा 5,6 के तहत वंशानुगत मांझी परगना की नियुक्ति गलत है। भारतीय संविधान की जनतांत्रिक और संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ हैं। इसके सुधार के लिए सेगेल जल्द ही माननीय हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करेगा।मगर इसकी आर मे गलत को सही बताने की कोशिश जनहित और संथाल परगाना के खिलाफ है। वहद एकता और आंदोलन के 30जून 2023 को लाखों की संख्या में कोलकाता बिर्गेड परगेट ग्राउंड चलो। विश्व सारना धर्म कोड जनसभा को एतिहासिक सफल बनाना है। आदिवासी सपनों को पूरा करना है। सामाजिक, धमिर्क और राजनीतिक गुलामी से आजाद होना है। डॉक्टर माटिर्न लूथर किंग जूनियर द्वारा 300 साल से गुलाम काले नीग्रो लोगों को आजादी के लिए 28/8/1963 के वाशिंगटन चलो जनसभा से प्रेरना लेना है। कार्यक्रम में आदिवासी सेगेल अभियान के जिला अध्यक्ष सुरेश सोरेन, सेगेल जोनल परगना बरयार हेम्ब्रम , सेगेल बीडीओ फतेहपुर, सुनिल मुर्मु,मोहन मुर्मु, फतेहपुर प्रखण्ड अध्यक्ष सागनेन मुर्मु जिला संयोजक सुपर हेम्ब्रम ,कुण्हहित प्रखण्ड अध्यक्ष रितरालाल हेम्ब्रम सेगेल सेना, कार्तिक, मुर्मु, राजेश टुडू , धनेश्वर सोरेन ,वासु किस्कु आदि शामिल थे।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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