
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर एक अहम बैठक बुलाई है। इस हाई-लेवल मीटिंग में शासन और प्रशासन के बड़े अधिकारी शामिल हो रहे हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा करना और आगे की रणनीति पर मंथन करना है।
प्रशासनिक हलचल तेज, अफसरों की बढ़ी बेचैनी
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के बाद कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। मुख्यमंत्री की सख्ती को देखते हुए शासन से कई बड़े अफसरों को मौके पर भेजने की तैयारी है। चीफ सेक्रेटरी मनोज सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश बैठक में शामिल हैं। माना जा रहा है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए ये अफसर सीधे मौके पर जाकर स्थिति का जायजा ले सकते हैं।
माहौल गर्म, अफसरों की धड़कनें तेज
इस उच्चस्तरीय बैठक को लेकर प्रशासनिक गलियारों में खलबली मची हुई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कुछ अफसरों पर योगी सरकार की गाज गिर सकती है। राज्य में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कार्यशैली को लेकर मुख्यमंत्री की पैनी नजर बनी हुई है। ऐसे में अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
महाकुंभ 2025 को लेकर भी सीएम ने दिए निर्देश
इसी बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। सीएम ने कहा, “माँ गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं, वहीं स्नान करें। सभी श्रद्धालु अफवाहों से बचें और शांतिपूर्वक स्नान करें।”
क्या होगा बड़ा फैसला?
इस बैठक के बाद क्या बड़े फैसले लिए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन एक बात तय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो भी अफसर अपने कार्य में लापरवाही बरतेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होना तय है। बैठक खत्म होने के बाद जल्द ही प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिल सकता है।