महाकुम्भ : विश्व का सबसे बड़ा शहर बना प्रयागराज , आज मौनी अमावस्या की वजह से संगम में रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने किया स्नान

प्रयागराज :: संगम नगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। हर तरफ सिर्फ सिर ही सिर दिखाई दे रहे हैं।सड़कों से लेकर गलियां तक फुल हैं।मौनी अमावस्या पर संगम में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने के साथ ही मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया।पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए संगम नगरी पहुंचे।किसी भी शहर की भौगोलिक सीमा में यह जनसंख्या न केवल विश्व के सबसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ने वाली थी,बल्कि कई देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा थी।यह सनातन धर्म और आस्था की गहरी जड़ों का प्रमाण है।

बुधवार को यह आंकड़ा आठ करोड़ के आसपास हो सकता है।मंगलवार सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की लाइन लगी थीं।देर रात तक पांच करोड़ पार कर गई।प्रशासन ने श्रध्दालुओं के सैलाब को नियंत्रित करने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेडिंग की थी,लेकिन श्रध्दालुओं की श्रद्धा के आगे ये छोटे पड़ गए।यह भी प्रमाणित हो गया कि सनातन धर्म की जड़ें कितनी गहरी हैं।यह न सिर्फ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन बना,बल्कि यह दर्शाता है कि जब करोड़ों श्रद्धालु एक उद्देश्य के लिए एकत्रित होते हैं तो वह क्षण इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है।

बता दें कि विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों की लिस्ट में टोक्यो (3.74 करोड़) सबसे आगे है।इसके बाद दिल्ली (2.93 करोड़) और शंघाई (2.63 करोड़) है,लेकिन मौनी अमावस्या स्नान पर्व का मुहूर्त शुरू होने की तारीख पर प्रयागराज ने इन सभी को पछाड़ दिया।महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब कई देशों की कुल आबादी से ज्यादा है। यूक्रेन की कुल जनसंख्या 3.7 करोड़ है,स्पेन की आबादी 4.84 करोड़ है,मलेशिया (3.43 करोड़) और पोलैंड (3.67 करोड़) की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा श्रध्दालु महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे हैं।

बता दें कि संगम नगरी के बमरौली एयरपोर्ट पर मकर संक्रांति पर 38 विमानों के आवागमन का कीर्तिमान 14 दिन बाद ही टूट गया। मात्र 12 घंटे में 51 विमानों का आवागमन हुआ और नया कीर्तिमान बन गया। ये संख्या अभी बढ़ रही है।साल 2019 में सिविल एयरपोर्ट बनने के बाद यह एक दिन में आने वाले विमानों की सबसे ज्यादा संख्या है।मौनी अमावस्या पर विमानों के आवागमन का नया कीर्तिमान बनना तय है।अनुमान है कि 80 विमान यहां से संचालित होंगे।

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पं.सत्यम शर्मा

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