
महाकुंभ के पावन सरजमीं पर यूट्यूबर अपनी डीआरपी बढ़ाने की चक्कर में सोशल मीडिया पर माला बेचने वाली लड़की मोनालिसा जिसकी आंखों को लेकर भूल गये अपनी मर्यादा
आस्था की डुबकी की बजाय, राह चलती बालाओं की झील सी आंखों का वर्णन कर यूट्यूबर कर रहे महापाप।
महाकुंभ। संविधान के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मर्यादित व सभ्य समाज को राह दिखाने वाले पत्रकार समुदाय को कर रहे शर्मशार। इन यूट्यूबुरों को कोई क्यूं नहीं रोकता,क्या प्रकृति प्रदत्त सुन्दरता को पुण्य व रोज़ी रोटी कमाने का अधिकार नहीं है।साशन व प्रशासन से यह अपील है कि सामान्य जनमानस की समस्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इनका महाकुंभ से निष्कासन तय कर इनको इनकी औकात बताई जाय।