इंग्लैंड में पहली विद्यालय १८११ में खुली! उस समय भारत में ७,३२,००० गुरुकुल थे!

सोचिए और खोजिए – हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए?
गुरुकुल कैसे समाप्त हो गये?
आपको पहले ये बता दें, कि हमारी “सनातन संस्कृति परम्परा” के गुरुकुल मे क्या-क्या पढाई होती थी!
आर्यावर्त के गुरुकुल के बाद, ऋषिकुल में क्या पढ़ाई होती थी, ये जान लेना आवश्यक है!
इस शिक्षण को लेकर अपने विचारों में परिवर्तन लायें, और प्रचलित भ्रांतियां दूर करें!
१. अग्नि विद्या (Fire Technology)
૨. धातु शास्त्र (Metallurgy)
३. वायु विद्या (Air Technology)
४. वायुयान शासत्र (Aircraft & Flight Engineering)
५. जल विद्या (Water Technology)
६ नाविक शास्त्र (Navigation)
७.अंतरिक्ष विद्या (Space Sciences)
८. पृथ्वी विद्या (Earth Sciences)
९. यर्यावरण शास्त्र (Environment)
१०. सूर्य विद्या (Solar Study)
११. चन्द्र व लोक विद्या (Lunar Study)
१२. मेघ विद्या (Study of the Rain)
१३. ऋतु शास्त्र (Weather Forecasting)
१४. पदार्थ विद्युत विद्या (Power Storage or Battery Engineering
१५. सौर ऊर्जा विद्या (Solar Energy)
१६. दिन-रात्रि विद्या (Earth Axis Rotation Study)
१७. सृष्टि विद्या (Cosmos & Space Research)
१८. खगोल विद्या (Astronomy)
१९. भूगोल विद्या (Geography)
२०. काल विद्या (Time)
२१. भूगर्भ विद्या (Geology & Mining)
२२. रत्न व धातु विद्या (Gems & Metals)
२३.गुरुत्वाकर्षण विद्या (Gravity)
२४. प्रकाश विद्या (Study of Light & Brightness)
२५. तार विद्या (Study of Transmision & Communications)
२६. विमान विद्या (Aircraft Engineering)
२७. जलयान विद्या (Water Vessels)
२८. अग्नेय अस्त्र विद्या (Arms, Ammunitions & Missile Technology)
२९. जीव-जंतु (जैविक) विज्ञान विद्या (Zoology & Botany)
३०. यज्ञ विद्या (Material Sciences)
ये तो बात हुई वैज्ञानिक विद्याओं की!
अब बात करते है व्यावसायिक और तकनीकी विद्या की!
३१. वाणिज्य विद्या (Tade & Commerce)
३२. कृषि वीद्या (Agriculture)
३३. पशुपालन (Animal Husbandry)
३४. पक्षिपलन (Bird Keeping)
३५. पशु प्रशिक्षण (Domesticating & Training Animals)
३६. यान यन्त्रकार (Mechanics)
३७. रथकार (Vehicles Designing & Engineering)
३८. रतन्कार (Gemology)
३९. सुवर्णकार (Jewellery Designing)
४०. वस्त्रकार (Textile, Garments or Apparels Designing & Engineering)
४१. कुम्भकार (Pottery)
४२ लोहकार (Metallurgy)
४३. तक्षक (Coast Guards)
४४. रंगसाज (Dyeing & Printing)
४४. खटवाकर (Spinning & Weaving)
४५. रज्जुकर (Logistics)
४५. वास्तुकार (Architecture & Interior Designing)
४६. पाकविद्या (Cooking)
४७. सारथ्य (Driving)
४८. नदी प्रबन्धक (Rivers Engineering & Water Management)
४९. सुचिकार (Data & Knowledge Management, & Information Technology)
५०. गोशाला प्रबन्धक (Cattle Management)
५१. उद्यान पाल (Gardens Management)
५२. वन पाल (Forestry)
५३. नापित (Paramedicals Managment)
यह सारी विद्यायें गुरुकुल में सिखाई जाती थी! पर समय के साथ, गुरुकुल लुप्त हुए, तो यह विद्यायओं का श्रेय भी लुप्त हो गया! आज मैकाले पद्धति से हमारे देश के युवाओं का भविष्य नष्ट हो रहा है, तब ऐसे समय में गुरुकुल के पुनः उद्धार की आवश्यकता है!
भारतवर्ष में गुरुकुल कैसे समाप्त कर दिए गये? कॉन्वेंट स्कूलों के द्वारा किया सर्वनाश!
१८५८ में Indian Education Act बनाया गया! इसकी ड्राफ्टिंग ‘लोर्ड मैकाले’ ने की थी!
लेकिन उसके पहले अंग्रेजों ने यहाँ (भारत) की शिक्षण व्यवस्था का सर्वेक्षण कराया था!
उसके पहले भी कई अंग्रेजों ने भारत की शिक्षण व्यवस्था के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी!
अंग्रेजों का एक अधिकारी था G.W. Luther, और दूसरा था Thomas Munro ! दोनों ने अलग अलग विस्तारों का अलग-अलग समय सर्वेक्षण किया था!
Luther, जिसने उत्तर भारत का सर्वेक्षण किया था, उसने लिखा है कि यहाँ ९७% साक्षरता है!
और Munro, जिसने दक्षिण भारत का सर्वेक्षण किया था, उसने लिखा कि यहाँ तो शत प्रति शत साक्षरता है!
मैकाले का स्पष्ट कहना था, कि “भारत को हमेशा-हमेशा के लिए अगर गुलाम बनाना है, तो इसकी “देशी और सांस्कृतिक शिक्षण व्यवस्था” को पूरी तरह से ध्वस्त करना होगा, और उसकी जगह “अंग्रेजी शिक्षण व्यवस्था” लानी होगी! और तभी इस देश में “शरीर से हिन्दुस्तानी, लेकिन दिमाग से अंग्रेज” तैयार होंगे! और जब इस देश की विश्वविद्यालय (यूनिवर्सिटी) से विद्यार्थी निकलेंगे, तो हमारे हित में काम करेंगे!”
मैकाले एक मुहावरे का उपयोग कर रहा है, “जैसे किसी खेत में, कोई फसल लगाने से पहले, पूरी तरह जोत दिया जाता है, वैसे ही इस शिक्षण व्यवस्था को जोतना होगा, और अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था लानी होगी।”
इस लिए उसने सबसे पहले गुरुकुलों को गैरकानूनी घोषित किया! जब गुरुकुल गैरकानूनी हो गए, तो उनको मिलने वाली सहायता, जो समाज की तरफ से होती थी, वो गैरकानूनी हो गयी!
फिर संस्कृत को गैरकानूनी घोषित किया, और इस देश के गुरुकुलों को घूम घूम कर समाप्त कर दिया गया!
उनमें आग लगा दी, उसमें पढ़ाने वाले गुरुओं को उसने मारा- पीटा, जेल में डाला!
१८५० तक इस देश में ७ लाख ३२ हजार गुरुकुल हुआ करते थे! और उस समय इस देश में गाँव थे ७ लाख ५० हजार! यानि हर गाँव में औसतन एक गुरुकुल थे!
और ये जो गुरुकुल होते थे, वो सारे के सारे आज की भाषा में ‘Higher Learning Institute’ हुआ करते थे! उन सबमे २०-२५ विषय पढाए जाते थे!
और ये गुरुकुल समाज के नागरिक मिलके चलाते थे, न कि राज्य चलाने वाले राजा, महाराजा!
गुरुकुलों में शिक्षा निःशुल्क दी जाती थी!
इस तरह से सारे गुरुकुलों को समाप्त किया गया, और फिर अंग्रेजी शिक्षण को कानूनी घोषित किया गया, और कलकत्ता में पहला कॉन्वेंट स्कूल खोला गया!
उस समय इसे ‘फ्री स्कूल’ कहा जाता था!
इसी कानून के द्वारा भारत में “कलकत्ता यूनिवर्सिटी” बनाई गयी, “बम्बई यूनिवर्सिटी” बनाई गयी, “मद्रास यूनिवर्सिटी” बनाई गयी! ये तीनों गुलामी ज़माने के यूनिवर्सिटी आज भी देश में हैं!
मैकाले ने अपने पिता को एक चिट्ठी लिखी थी! बहुत मशहूर चिट्ठी है वो! उसमें वो लिखता है कि: “इन कॉन्वेंट स्कूलों से ऐसे बच्चे निकलेंगे, जो देखने में तो भारतीय होंगे, लेकिन दिमाग से अंग्रेज होंगे; और इन्हें अपने देश के बारे में कुछ पता नहीं होगा! इनको अपनी संस्कृति के बारे में कुछ पता नहीं होगा! इनको अपने परम्पराओं के बारे में कुछ पता नहीं होगा! इनको अपने मुहावरे नहीं मालूम होंगे! जब ऐसे विद्यार्थी होंगे, इस देश में से अंग्रेज भले ही चले जाएँ, इस देश से अंग्रेजियत नहीं जाएगी!”
उस समय लिखी चिट्ठी की सच्चाई इस देश में अब साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है!
और उस एक्ट की महिमा देखिये, कि हमें अपनी भाषा बोलने में शर्म आती है! अंग्रेजी में बोलते हैं कि दूसरों पर रोब पड़ेगा!
हम तो स्वयं में हीन हो गए हैं, जिसे अपनी भाषा बोलने में शर्म आ रही है, दूसरों पर रोब क्या पड़ेगा?
कुछ लोगों का तर्क है, कि अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है! दुनिया में २०४ देश हैं, और अंग्रेजी भाषा सिर्फ ११ देशों में बोली, पढ़ी और समझी जाती है! फिर ये कैसे अंतर्राष्ट्रीय भाषा है ॽ
शब्दों के मामले में भी अंग्रेजी समृद्ध नहीं, दरिद्र भाषा है! इन अंग्रेजों की जो “बाइबल” है, वो भी अंग्रेजी में नहीं थी! और ईसा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे!
ईसा मसीह की भाषा और बाइबल की भाषा अरमेक थी! अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी! समय के कालचक्र में वो भाषा भी विलुप्त हो गयी!
संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है! वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है! वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है! जो समाज अपनी मातृभाषा से कट जाता है, उसका कभी भला नहीं होता! और यही मैकोले की रणनीति थी! जिसमें लगभग वो विजय पा चुके, क्यों कि आज का युवा भारत को कम, यूरोप को अधिक जानता है!
भारतीय संस्कृति को ढकोसला समझता है! लेकिन पाश्चात्य देशों को नकल करता है!
धर्म की प्रमुखता और विशेषता को न जानते हुए भी, वामपंथियों का समर्थन करता है!
सभी बन्धुओ से एक चुभता हुआ प्रश्न – हम सभी को धर्म की जानकारी होनी चाहिये! क्योंकि धर्म ही हमें “राष्ट्र धर्म” सिखाता है! धर्म ही हमें “समाजिकता” सिखाता है! धर्म ही हमें माता-पिता, गुरु और राष्ट्र के प्रति प्राण न्योछावर करने की प्रेरणा देता है! परंपरा एक आध्यात्मिक विज्ञान है! जिस विज्ञान को हम सभी आज जानते हैं, उससे बहुत ही समृद्ध विज्ञान ही अध्यात्म है!
जयतु गुरुकुलम्, जयतु भारतम् …