मतदाताओं की नाराजगी मिटाने को बड़े नेताओं का आना शुरू

एटा में चुनावी सरगर्मीः बड़ी मतदाताओं की नाराजगी मिटाने को बड़े नेताओं का आना शुरू एटा में भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध झलकने लगी है नाराजगी, दबाव तथा लालच देकर प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की तैयारी में

एटा,  उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठा पूर्ण चर्चित एटा लोकसभा सीट पर इस चार भाजपा तथा सपा के बीच सीधा मुकाबला होते नजर आ रहा है जहां एटा लोकसभा सीट पर अभी तक भाजपा के पक्ष में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य देवेस सा तथा सपा के पक्ष में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी जनसभा कर चुके हैं यहीं कासगंज जनपद में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह की 28 अप्रैल को जनसभा की है। वही सपा मुखिया अखिलेश यादव की भी 29 अप्रैल को मुख्यालय पर दूसरी जनसभा की है। आपको बताते चलें एटा तोकसभा सीट पर सपा तथा भाजपा की सीधी लड़ाई होती नजर आ रही है क्योंकि भाजपा से शाक्य मतदाता किनारा करने का मन बना चुका है जहां एक और एटा लोकसभा सीट पर भाजपा के काद्यवर

नेता पूर्व मुख्यमंत्री बाबू कल्याण सिंह के

पुत्र राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया लगातार दो बार भाजपा से सांसद रह चुके हैं तथा तीसरी बार चुनाव मैदान में अपनी, किस्मत आजमा रहे है, इससे पूर्व उनके पिता बाबू कल्याण सिंह भी एटा से सांसद रह चुके हैं। राजवीर सिंह के लगातार 10 वर्षों के कार्यकाल से भाजपा समर्थक तथा स्वयं भाजपा कार्यकताओं की नाराजगी भी इस बार खुलकर उभर कर आने लगी

है. इसके अलावा बाह्मण, वाकूर, वैश्य आदि समाज की उपेक्षा के चलते तथा भाजपा प्रत्याशी के जनसंपर्क में न रहने से भी खासे नाराज नजर आ रहे है, लोगों का कहना है कि अगर हमें कभी कोई काम पड़ता है तो हमारे सांसद हमें मिलते ही नहीं है हमें ऐसा नेता चाहिए जो हमारे सुख-दुख में साथ हो।

इस बार के चुनाव में राजू भैया अपने पूरे परिवार के साथ रूठो को मनाने तथा वोट मांगने में जुटे हैं वोट मांगने जाते समय उन्हें मतदाताओं की विरोध का सामना भी कई स्थानों पर करना पड़ा राजू भाईया के नजदीकी भाजपा कार्यकर्ता तथा नेता रूठे मतदाताओं को मनाने में जुटे हैं इसरा, मुहिम में कौन काम्याब होगा यह आने कला भविषा बताएगा।

ब्राह्मण समाज की नाराजगी के पीछे की एक अलग कहानी है जिसमें बाह्मण समाज द्वारा अनपद की राजनीतिक में ब्राह्मणों

को वरीयता न देने, समाज की ब्राह्राण जिला अध्यक्ष की माग को न मानने, ब्राह्मणों का उत्पीड़न होने की कई कहानियाँ हैं। ब्राह्मण नेता राकेश कुमार ने बत्ताया की जब हम किसी कार्य से किसी भी भाजपा नेता के पास जाते है तो वह हमारी नहीं

सुनता भाजपा वाले ब्राह्मणों से सिर्फ वोट

लेना जानते हैं जो इस बार उन्हें नहीं मिलेगा, जो ब्राह्माण की बात सुनेगा वेट उसी को मिलेगा वहीं क्षेत्रीय भ्रमण करने पर क्षत्रिय समाज तथा वैश्य समाज की भी भाजपा प्रत्याशी से खासी नाराजगी नजर आई लोगों का कहना था की राजू भैया एटा के नहीं कारागंज के सांसद है बीते 10 सालों में जनपद में विकास कम गुटबन्दी की राजनीति हुई हैं। राजू भैवा सिर्फ चुनाव में ही नजर आते है. बाकी दिनों में तो यह कब आते हैं और कब चले

आहे हैं, किना मिलते हैं किसी को पता ही

नहीं चलता। यह है किसी के मरे गिरे तथा खुशियों में भी भाग नहीं लेते मतदाता ठाकुर विजेंद्र सिंह ने बताया की सांसद एटा की जनता के साथ छल कर रहे हैं। एटा में विकास के नाम पर सिर्फ द्वांचे खड़े

है जिससे जनता को कोई लाभ नहीं हो पा रहा, सालों से कई प्रमुख गार्ग टूटे पड़े हैं अब तो एटा की पहचान टूटी सड़‌कों से भी होने लगी है पुलिस प्रशासन की स्थिति भी अच्छी नहीं है पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा शिकायत करने पर मामला सिर्फ जांच तक ही रहता है। मुकदमा तक दर्द नहीं होता ग्राम लभेटा निवासी एक पीड़ित ने बताया कि लोग हमारे घर पर चढ़कर आये और पुलिस ने हमारा मुकदमा दर्ज नहीं किया उल्टे मुकदमा दर्ज करने की ज्यादा खाने पर क्रॉस में मुकदमा दर्ज करने की बात पुलिस द्वारा

कही गई।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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