एटा। सरस्वती विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रांगण में महावीर जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्ष लवली शर्मा, संयोजक कामिनी राठी, मुख्य वक्ता सुनीता जैन ने महावीर स्वामी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्प अर्पित करके किया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता सुनीता जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए महावीर स्वामी के बारे में कहा कि-
जो मोह, माया, मान, मत्सर, मदन, मर्दन वीर हैं ।
जो विपुल विहनों बीच में भी ध्यान धारण धीर हैं।
जो तरन, तारण, भव निवारण, भव जलधि के तीर हैं।
वह वंदनीय जिनेश तीर्थंकर स्वयं महावीर हैं।।
ऐसे महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसवी पूर्व लगभग 2500 वर्ष पूर्व राजा सिद्धार्थ के यहां कुंडलपुर बिहार में हुआ था। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ तथा माता का नाम त्रिशला था। इनसे पूर्व प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव तथा इसे 250 वर्ष पूर्व भगवान पार्श्वनाथ 23 वें तीर्थंकर हुए। भगवान महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था उनके जन्म से पूर्व से ही धनपति कुबेर ने रन वर्ष की भगवान महावीर के पांच नाम है- वीर ,वर्धमान, सन्मति, महावीर एवं अतिवीर। उनके पांच