एटा कासगंज में मुस्लिमों की उपेक्षा भारी पड़ सकती है सपा को

एटा कासगंज में मुस्लिमों की उपेक्षा भारी पड़ सकती है सपा को।
सराफत हुसैन काले भी कर सकते हैं बगावत।
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे, विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियों की नजर खासकर मुस्लिम समाज पर लगी हुई हैं,उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी,बहुजन समाज पार्टी,और ओवैसी की पार्टी,अपने को मुस्लिम समाज का सच्चा हिमायती बताने में एक से बढ़ कर दावे कर रही हैं, लेकिन इसके ठीक विपरीत एटा और कासगंज जनपद में सपा द्वारा किसी भी मुस्लिम समाज के नेता को टिकिट न देना मुस्लिम हितैसी होने के खोखले वायदे को उजागर करता है, बताते चले कि कासगंज जनपद की पटियाली विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य सीट के नाम से जानी जाती है,वहाँ पर पूर्व में जीनत बेगम सपा की विधायक थी,लेकिन इस बार उनको भी टिकिट नही देकर सपा ने किरन यादव को अपना प्रत्यासी बनाकर मुस्लिम समाज के साथ जो विश्वासघात किया है, उसका जबाब पटियाली का मुस्लिम समाज इस चुनाव में जिस तरह देगा वह समय वेहतर बताने में सक्षम होगा, विश्वत सूत्रों से पता चला है,कि एटा से प्रसपा के जिलाध्यक्ष शराफत हुसैन उर्फ काले भी प्रसपा को वाय-वाय करने वाले हैं। अगर ऐसा हुआ तो मुस्लिम समाज की उपेक्षा के कारण दोनों जनपद में सपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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