दिग्विजय चौटाला बोले हम मनीषा के परिवार वालों के साथ है खड़े

मनीषा हत्याकांड मामले में आईजी रोहतक वाई पूरन कुमार का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 13 तारीख को मनीषा की डेड बॉडी बरामद हुई थी और उसी दिन पुलिस को सुसाइड नोट मिल गया था। हालांकि, जांच को प्रभावित न होने देने के लिए सुसाइड नोट को सार्वजनिक नहीं किया गया था।

इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान देने योग्य हैं:

  • सुसाइड नोट की प्रामाणिकता: सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, सुसाइड नोट दोषसिद्धि के लिए एकमात्र आधार नहीं हो सकता है, जब तक कि अन्य साक्ष्यों द्वारा इसकी पुष्टि न हो।
  • आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध: आईपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध को लागू करने के लिए अभियोजन पक्ष को आत्महत्या के लिए उकसाने के स्पष्ट इरादे को साबित करना होगा।
  • जांच की प्रक्रिया: पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और सुसाइड नोट को कब्जे में ले लिया है। जांच के दौरान यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि मनीषा की मौत के पीछे क्या कारण थे और इसमें किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका थी या नहीं।

कुछ इसी तरह के मामले सामने आए हैं जहां सुसाइड नोट ने जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:

  • रोहतक में युवक की आत्महत्या: एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी मौत के लिए वह खुद जिम्मेदार है।
  • नोएडा कॉलेज की छात्रा की आत्महत्या: एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली और सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था।
  • कानपुर में युवक की आत्महत्या: एक युवक ने सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली, जिसमें उसने ससुराल वालों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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