जल ही जीवन हैं तो जीवन से खिलबाड़ क्यों ?

जल ही जीवन हैं तो जीवन से खिलबाड़ क्यों ?

भीषण गर्मी में शोपीस बने सार्वजनिक शीतल पानी के प्याऊँ, अधिकारियों के कार्यालयों पर भी पानी का अभाव

वर्तमान समय की भीषण गर्मी में अगर पानी को लोग तरस रहे हैं तो अनदेखी कोई छोटी नहीं हैं, क्योंकि इस समस्या से कोई एक नहीं बल्कि अनगिनत लोग जूझ रहे हैं, जिनमें जहाँ राह चलते राहगीर हैं तो विभिन्न समस्याओं के समाधान की आस में जनपद के अधिकारियों के कार्यालय आने वाले पीड़ित फरियादी भी शामिल हैं, जो सुबह से लेकर भीषण गर्मी आग बरसती धूप की भरी दोपहर में प्यास से ब्याकुल पानी के लिये इधर से उधर भटकने को विवश हैं, ऐसे में अगर जल ही जीवन हैं तो जीवन से खिलबाड़ क्यों ?
जिम्मेदारों की अनदेखी और जनता के दर्द से जुड़ी शेष खबर मिलेगी तो बस आपके अपने

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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