जेलर के आतंक से दरोगा दुखी, लगाये घिनौने आरोप, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो

एटा जेल में जंगलराज की चर्चा…

जेल अधीक्षक ने चुप्पी साधी

एटा| जेल में जंगल राज पर चर्चा का विषय बना हुआ है, आखिकार तुम्हें चुप्पी तोड़नी चाहिए, जेल अधीक्षक जिला कारागार का स्वामित्व रखता है,सीआर तो आप ही अपने अधीनस्त कारपाल/जेलर की लिखेगें, छुट्टी कर्मचारियों को विभाग ने दी है,जाइज बात यह है, छुट्टी कर्मचारियों को जरूरत के अनुसार दी जाती है, फिर छः महीने से जेल चीफ/उपनिरीक्षक दरखास्त दे रहा है, ऊपर से गिनोने मांग कैसे की जा रही है,
जनपद की जेल में जंगलराज किस कदर कायम हैं, जेल अधिकारी जेल की चारदीवारों के अन्दर क्या क्या गुल खिलाते हैं? इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि जेल के ही एक दरोगा ने अपनी वीडियो वायरल करके किया हैं, शोसल मीडिया में वायरल वीडियो के बाद हड़कम्प मच गया हैं| प्रकरण की जाँच जेल अधिकारियों के साथ साथ जनपद के जिलाधिकारी ने एक कमेटी गठित को सौपी हैं …

जाँच कमेटी गठित
जिलाधिकारी ने प्रकरण की जाँच जेल अधिकारियों के साथ साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों को जाँच कमेटी गठित की है,

जेल में जंगल राज कैसे पनपा
जेल में जंगल राज कैसे पनपता है,हवालाती/वंदी की माने तो जिला पुलिस द्वारा हवालातियों को जिला कारागार के सुपुर्द कर दिया जाता है, जिला जेल में बंद सजायाफ्ता कैदी/बंदी/पीलिया द्वारा हवालातियों का उत्पीड़न मामले सामने आते है,मुलाजा वैरिंग के नाम से शुरू हो जाता है, जंगल राज कहानी से सबसे पहले पहरा कटवाने के नाम पर रुपए लिए जाते है, गरीब दो हजार रुपए पन्द्रह दिन के लगते है, अमीर आदमी बीस हजार रूपए पन्द्रह दिन के लगते है, जितनी बड़ी पार्टी उतना बड़ा धंधा शुरू हो जाता है, फिर राइट वैरिंग एक से लेकर अठारह बैरिंग में पहरा कटवाने के नाम पर रुपए लिए जाते है ,

टैंडर का जंगल राज में हिस्सा
टैंडर की बात आते ही लाखों के न्यारे हो जाते है अधीक्षक/जेलर/डिप्टी जेलर आदि,
1- टैंडर कैंटीन समोसे से लेकर मटर पनीर, भटूरे से लेकर नाद तक मिलती है, पांच लाख रुपए से लेकर दस लाख रुपए की बोली तक चली जाती हैं,जिले की बड़ी सख्सियत लिए हुए है, जिसमें अच्छी खासी कमाई हो रही है,

2- टैंडर सैलून कटिंग की बोली भी लगभग एक लाख से तीन लाख रुपए तक चली जाती है,

3- टैंडर सामान साबुन, नमकीन, बिस्कुट,फेसबोस,पिलास्टिक कटोरी,जग आदि भी पचास हजार से दो लाख रुपए तक पहुंच जाती है,

4- टैंडर कपड़े धोने एवं प्रेस/स्त्री आदि करने का पचास-साठ से लाख रुपए तक पहुंच जाती बोली है,

5- टैंडर बीड़ी सिगरेट तंबाकू का भी एक लाख से ढाई लाख रुपए तक पहुंच जाता है,

जब अधीक्षक/जेलर/डिप्टी जेलर आदि की कमाई यहां नही रुकती है,
वंदी की मिलाई करने वाले से भी शुरू हो जाती है, बंदी जल्दी जाएगा तो सौ रुपए से पांच सौ रुपए तक वसूली होती है,

पग पग पर तैयार वसूली भाई

जेल में जंगल राज का हिस्सा वसूली भाईयों के पास है, जेल से छूटने वाले व्यक्तियों की माने तो वसूली भाईयों के सरगना युवराज यादव,वावा वीडी तम्बाकू आदि कई वसूली भाई चप्पे-चप्पे पर तैनात है, उनके ऊपर राइटर के ऊपर चीफ के ऊपर डिप्टी जेलर के ऊपर जेलर के ऊपर अधीक्षक है,

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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