
पार्टी-म्यूजिक-डांस से अल्लाह नाराज होता है, मौलाना इस्हाक गोरा का फतवा, मुसलमान नए साल पर जश्न ना मनाएं सहारनपुर. देश और दुनिया में लोग नए साल के जश्न की तैयारी में लगे हैं. दो दिन बाद नए साल का आगाज होने जा रहा है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जमीयत दावतुल मुसलमीन के संरक्षक मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने रविवार को मुसलमानों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की.मौलाना कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि मजहब इस्लाम नए साल पर जश्न मनाने की इजाजत नहीं देता. सभी मुसलमानों से अपील की जाती है कि वे पार्टी, म्यूजिक, डांस और आतिशबाजी जैसी खुराफात से बचने की कोशिश करें.
उन्होंने कहा, “याद रखें, आपको लगता है कि नया साल जश्न मनाने का है. बल्कि आपको यह सोचना चाहिए कि हमारा एक साल गुजर गया और हम मौत के बहुत करीब आ गए हैं. इसलिए, हमें और अच्छे काम करने की जरूरत है. हमें अपने गुनाहों की तलाफी करने की जरूरत है. इस्लाम इस बात की इजाजत नहीं देता कि आप नए साल का जश्न मनाएं. मैं तमाम मुसलमानों से एक बार फिर अपील करता हूं कि वे नए साल पर जश्न न मनाएं, बल्कि अपने गुनाहों की तलाफी करें.”
उन्होंने यह भी कहा कि नए साल का जश्न मनाना एक गैर-इस्लामी तहजीब है, जिसे अपनाने से “हमें बचना चाहिए”. आतिशबाजी, म्यूजिक और फिजूलखर्ची से न सिर्फ मआशरे (समाज) में फसाद पैदा होता है, बल्कि यह अल्लाह की नाराजगी का भी सबब बनता है. मौलाना ने खास तौर पर नौजवानों को हिदायत दी कि वे अपने वक्त को ऐसे कामों में जाया न करें, जो मजहबी और मआशरती लिहाज से नुकसानदेह हैं.
मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वे इस्लामी तालीम को समझें और अपनी जिंदगी को उसके मुताबिक ढालें. उन्होंने कहा, “हमें अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए और अपनी जिंदगी को इस्लामी तहजीब और अखलाक के मुताबिक गुजारने की कोशिश करनी चाहिए.
 
							
 
			 
			 
			 
			 
							 
							