
!!.खरगौन लोकसभा क्षेत्र में बारी बारी से जीत रहीं भाजपा और कांग्रेस, नहीं जमा पाईं जड़ें.!!
भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र उमराव सिंह पटेल व कांग्रेस प्रत्याशी पोरलाल खरते में चुनावी संग्राम
मध्य प्रदेश की खरगौन लोकसभा सीट अहम सीटों में से एक हैं क्योंकि यहां पर किसी दल का कोई बल नहीं चलता है। जी हां इस लोकसभा सीट ने अस्तित्व में आने के बाद से ही किसी एक पार्टी या नेता की जड़ें यहां पर जमने नहीं दी। यही कारण है कि यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण यादव ने 2 बार जीत हासिल की और इसके बाद उन्हें भी इस सीट को छोड़ना पड़ा। मध्य प्रदेश की यह सीट महाराष्ट्र के साथ बॉर्डर शेयर करती है, जिसकी वजह से यहां का कल्चर बहुत हद तक महाराष्ट्र के कल्चर से मेल खाता है। यह क्षेत्र भी सतपुड़ा पर्वतों के बीच बसा हुआ है जहां से नर्मदा की जलधारा बहती है। इस लोकसभा सीट पर फिलहाल 2014 से बीजेपी का कब्जा है।
खरगौन जिले में अगर दर्शनीय स्थलों की बात की जाए तो यहां पर सबसे खूबसूरत जगह आपको महेश्वर लगेगी। पैडमैन मूवी तो आप सभी ने देखी होगी, इस मूवी के एक सीन में अक्षय कुमार सीढ़ियों से उतरकर नदी में चला जाता है, इस सीन में जो नदी है वह नर्मदा है, जो सीढ़ियां हैं वह महेश्वर के किले की हैं और पीछे दिख रही बड़ी सी दीवार और गेट महेश्वर के किले का गेट है। इस किले को होलकर राजघराने की रानी देवी अहिल्याबाई ने बनवाया था. यहां पर सहस्त्रधारा जलप्रपात से लेकर कई अति प्रचीन शिव मंदिर भी देखने को मिल जाएंगे।
पेशवा बाजीराव की समाधि भी इस क्षेत्र की अहम दर्शनीय स्थल है, बताया जाता है कि पेशवा बाजीराव मराठा सम्राज्य के कुशल लड़ाका थे, जिन्होंने कई लड़ाईयां जीती थीं। उन्होंने खरगौन के रावेरखेड़ी में नर्मदा नदी के किराने प्राण त्यागे थे। बताया जाता है कि उनकी मौत लू लगने की वजह से हुई थी। महान योद्धा के सम्मान में इसी जगह पर उनकी समाधि बनाई गई है । जहां से नर्मदा के सुंदर नजारा आपके मन को मोह लेगा। इनके अलावा अहिल्याबाई का किला भी एक दर्शनीय स्थान है। धार्मिक स्थानों की बात की जाए तो महादेव मंदिर, नवग्रह मंदिर, दामखेड़ा मंदिर, नन्हेश्वर महादेव मंदिर आदि प्रमुख हैं ।
राजनीतिक दलों में संग्राम
खरगौन लोकसभा सीट सबसे पहली बार 1962 में अस्तित्व में आई थी। इस लोकसभा सीट को खरगौन और बड़वानी जिले को मिलाकर बनाया गया है। इसमें भी आठ विधानसभाओं को शामिल किया गया है जिनमें खरगौन, महेश्वर, कसरावद, भगवानपुरा, सेंधवा, राजपुर, पनसेमल और बड़वानी हैं। इन सभी विधानसभा सीटों में से सिर्फ 3 बीजेपी के पास हैं बाकी पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया हुआ है। अगर इस लोकसभा सीट पर चुनावों के इतिहास पर नजर डालें तो 1962 के बाद से ही इस पर पार्टियां बदलती रही हैं। सिर्फ 1989 से 1998 तक रामेश्वर पाटीदार बीजेपी से इस सीट से 4 बार चुनाव जीते थे। इसके बाद फिर इतने लंबे वक्त तक कोई नहीं टिक पाया ।
पिछले चुनाव में क्या रहा ?
पिछले चुनाव की बात की जाए तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इस लोकसभा सीट से गजेंद्र उमराव सिंह पटेल को मैदान में उतारा था। जबकि कांग्रेस ने उनके धुर प्रतिद्वंद्वी डॉ. गोविंद मुजाल्दा को टिकट दे दिया। गजेंद्र सिंह को इस चुनाव में 773,550 वोट मिले जबकि गोविंद मुजाल्दा को 5,71,040 वोट से ही संतोष करना पड़ा। इस लोकसभा चुनाव में 2,02,510 वोट के भारी भरकम अंतर से गजेंद्र सिंह ने गोविंद मुजाल्दा को करारी शिकस्त दी। वर्ष 2024 में हो रहे लोकसभा चुनाव में भाजपा से गजेंद्र सिंह और कांग्रेस से वाणिज्य कर विभाग से वीआरएस लिए पोरलाल खरते को अपना उम्मीदवार बनाया है।