एटा के 492 हिस्ट्रीशीटर अपराध छोड़ शांति की राह पर



एटा। अपराध के नाम से बदनाम एटा में बदलाव होते नजर आ रहे हैं। गंभीर अपराध करने वालों ने अपराध को छोड़ रोजगार करना शुरू कर दिया। जिले से बाहर है तो कोई दिल्ली में नौकरी कर रहा है। इसे पुलिस एक बड़ी उपलब्धि मान रही है। कुछ हिस्ट्रीशीटर सक्रिय हैं मगर पुलिस की निगरानी में सामने आया है उन्होंने कोई बड़ा अपराध नहीं किया है। हिस्ट्रीशीटरों पर समय-समय पर निगरानी की जाती है साथ ही उनपर गुप्त तरीके से नजर भी रखी जाती है। कहीं कोई हिस्ट्रीशीटर अपराध तो नहीं कर रहा है। हिस्ट्रीशीटरों को लेकर पुलिस ने उनकी पड़ताल की। पुलिस के लिए अच्छे नतीजे आएं है। पुलिस की लगातार निगरानी के चलते 492 हिस्ट्रीशीटर निसक्रिय मिले। इसका मतलब है यह है कि वह पूरी तरह से शांत है। 97 हिस्ट्रीशीटर जेल में निरूद्ध हैं। इतना ही नहीं 348 हिस्ट्रीशीटर सक्रिय तो है मगर उन्होंने कोई बड़ा अपराध नहीं किया है। मारपीट जैसे मामले सामने आएं है। बताया जा रहा है कि कई अपराधी अपराध को छोड़कर शांति की राह पर है और मेहनत कर रहे हैं। सामने आया है कि कोई अपराध नौकरी करने लगा है तो फिर कोई अपराधी दिल्ली में रहकर नौकरी कर रहा है।

इस साल दो गैंगकिए गए हैं रजिस्टर

एटा। जिले में एटीएम मशीन से रूपये चोरी करना तथा गोकशी जैसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों का गैंग रजिस्टर किया गया है। दोनों ही घटनाओं ने जिले से प्रदेश तक को हिला दिया था। पुलिस ने जल्द ही खुलासा कर अपराधियों को जेल भी भेजा है।

जिले में कुछ दिनों में पांच से अधिक मुठभेड़

एटा। बता दें कि हाल में ही जिले में पांच से अधिक मुठभेड़ हो चुकी है। ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक को लूटने वाले लुटेरों से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी वही सीमेंट व्यवसाई को लूटने वाले लुटेरे भी मुठभेड़ में घायल हुए थे। इसके साथ ही गो-तस्करों से भी पुलिस की मुठभेड़ हो चुकी है।

हिस्ट्रीशीटरों को लेकर लगातार निगरानी की जाती है। निगरानी के दौरान काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। कई हिस्ट्रीशीटर पूरी तरह से निसक्रिय है और कुछ हिस्ट्रीशीटर है तो उनका द्वारा कोई बड़ा अपराध नहीं होना पाया गया गया है।

  • विनोद कुमार पांडेय, एएसपी क्राइम एटा। वर्तमान में 97 हिस्ट्रीशीटर हैं जेल में निरूद्ध

    एटा। बता दें कि वर्तमान में 97 हिस्ट्रीशीटर जेल में निरूद्ध है, जिन्हे लेकर भी पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। हिस्ट्रीशीटर को लेकर लगातार पुलिस निगरानी करती रहती है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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