
विश्व में बरगद के पेड़ से प्रकट हुए स्वयंभू हनुमान: उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के कमलपुरा में अद्भुत रहस्य यहां की जाती खंडित प्रतिमा की पूजा, बरगद में विराजित बब्बा को लाल फूल और सिंदूर चढ़ाया जाता
भगवान हनुमान जी को कलयुुग में भी जीवित देव माना गया है और उनकी श्रृद्धाभाव से पूूजा करने से वह भक्तों की मनोकामना भी तुरंत पूरी करतेे है l प्रभु के ऐसेे ही कुछ मंदिर हैंं जहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है l वैसे तो बरगद के पेड़ में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है लेकिन क्या आप जानते है, उत्तर प्रदेश में चंदौली जिले के कमलपुरा गांव में हनुमानजी अपने आप बरगद के पेड़ से प्रकट हुये थे l वैसे तो खंडित प्रतिमा की पूजा सनातन धर्म में नहीं होती है लेकिन बरगद वाले हनुमान खंडित है l यहां का अद्भुत रहस्य है, इनके प्रति भक्तों की श्रद्धा भी देखते बनती है l ऐसी मान्यता है कि बरगद वाले हनुमान स्वयंभू हैं और ये भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं l ऐसी मान्यता है कि जब यह हनुमान जी प्रकट हुए थे तब उनके माथे पर सोने का मुकुट था लेकिन एक व्यापारी ने सोने के लालच में हनुमान जी का मस्तक काट लिया l प्रतिमा से खून बहता देख, व्यापारी डर गया और वह मस्तक समेत मुकुट लेकर भागने लगा l लेकिन व्यापारी मुकुट लेकर भाग नहीं सका क्योंकि व्यापारी का जहाज डूब गया l तब से इस हनुमान की खंडित प्रतिमा की पूजा हो रही है, कमलपुरा गांव के लोग सुबह-शाम हनुमान जी की आरती करते हैं l यहां पर लाल फूल और सिंदूर चढ़ाते हैं l