
एटा। जिले में फर्जी पत्रकारों पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी श्याम नारायण सिंह कब कमर कसेंगे । कब जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश देगे, कि वे अपने-अपने थाना क्षेत्र में सक्रिय पत्रकारों और फर्जी पत्रकारों का डेटा तैयार कर उपलब्ध कराए,
एसएसपी के निर्देशों के बाद ही पुलिस के विभिन्न स्थानों पर वेरिफिकेशन अभियान शुरू कर हो सकता है। इसमें पत्रकारों के पहचान पत्र, कार्यस्थल और गतिविधियों की जांच की जांच की जा सकती है। इस कदम से पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जिले में केवल वास्तविक और प्रमाणित पत्रकार ही कार्यरत रहें।
सूत्रों के मुताबिक, इस कार्यवाही का मुख्य उद्देश्य फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कदम उठाना है, जो पत्रकारिता के नाम पर अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं। पुलिस की इस कार्यवाही से जल्द ही ऐसे फर्जी पत्रकारों पर गाज गिरने की संभावना है।
एसएसपी ने बताया कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारीपूर्ण पेशा है, और फर्जी पत्रकार समाज और कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही पत्रकारों को किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फर्जी पत्रकार किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे।
इस कदम की जिले में सराहना हो रही है। लोग इसे सकारात्मक पहल मानते हैं, जिससे पत्रकारिता के स्तर में सुधार होगा और फर्जी पत्रकारों पर लगाम लगना अति आवश्यक है।आपको बताते चले कि चौथे स्तंभ का चोला ओढ़कर साम्प्रदायिकताबादी/अपराधी पत्रकारिता जगत में प्रवेश करने वाले पीछे के गेट से बाहर का रास्ता देखने का कार्य हो सकता है,