नसीम सोलंकी के खिलाफ जारी हुआ था फतवा,सीसामऊ सीट पर लहराया जीत का झंडा

कानपुर।उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने शुरू हो ग‌ए हैं। कानपुर की सीसाम‌ऊ विधानसभा सीट पर नतीजा सामने आ गया है।सीसाम‌ऊ से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने जोरदार जीत हासिल की है।चुनाव प्रचार के दौरान नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया गया था।इसके लिए बाद में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी।अब चुनाव के दौरान सीसामऊ की जनता ने नसीम सोलंकी को जीत का ताज पहनाया है।

नसीम सोलंकी ने शानदार जीत की हासिल

सीसामऊ विधानसभा सीट पर सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने शानदार जीत हासिल की है।नसीम सोलंकी ने भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 8629 मतों से पराजित किया है।सीसामऊ विधानसभा में कुल 132973 वोट पड़े।इसमें से नसीम सोलंकी को 69666 वोट मिले,जबकि भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी को 61037 वोट मिले।तीसरे स्थान पर वीरेंद्र कुमार रहे जिन्हें 1409 वोट मिले।अशोक पासवान को 266, कृष्ण कुमार यादव को 113 वोट मिले। 482 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

चुनाव प्रचार के दौरान जारी हुआ था फतवा

बता दें कि सीसामऊ विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने दीपावली की रात कानपुर के एक ऐतिहासिक मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया था।मंदिर में नसीम सोलंकी ने दीप जलाकर पूरे विधि विधान से पूजा की थी। इसका वीडियो सामने आने के बाद मामले ने कुछ ऐसा तूल पकड़ा कि सियासी गलियारों से लेकर मौलानाओं तक में चर्चा गर्म हो गई और नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी हो गया।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम सोलंकी पर फतवा जारी करते हुए कह दिया कि उन्हें तौबा करनी चाहिए।

इन 9 विधानसभा सीटों पर हुआ उपचुनाव

बता दें कि यूपी की जिन नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराया गया। इसमें मीरापुर (मुजफ्फरनगर), कुन्दरकी (मुरादाबाद), गाजियाबाद, खैर (अलीगढ़), करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर नगर), फूलपुर (प्रयागराज), कटेहरी (अंबेडकरनगर) और मझवां (मिर्जापुर) विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान हुआ।जिन नौ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ उनमें से आठ सीटें मौजूदा विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद उनके विधानसभा से इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं।सीट सीसामऊ में मौजूदा सपा विधायक इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द किये जाने के चलते उपचुनाव हुआ।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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