“कर्म प्रधान विश्व रचि रखा जो जस करहि सो तस फल चाखा”

एटा कायस्थ समाज चित्र गुप्त जी मूर्ति अनावरण में सहभागिता की

“कर्म प्रधान विश्व रचि रखा जो जस करहि सो तस फल चाखा”
चौरासी लाख योनियों के संचित व
क्रियामण कर्मों की गणना कर फल देकर प्रारब्ध रचने वाले भगवान धर्मराज श्री चित्रगुप्त जी की पीठ की स्थापना संसार में प्रथम बार बृजधाम में हुई, चित्र गुप्त पीठ वृन्दावन के तत्वाधान में भगवान श्री चित्रगुप्त जी की भव्य दिव्य 51 फ़ीट की प्रतिमा का अनावरण आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद पशुपति एवं नेपाल आयें पशुपति अखाड़ा के महंत, स्वामी अनिरुद्धचार्य, पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ, द्वारा किया गया।
दिनांक 27-10-24 को भगवान श्री चित्रगुप्त पीठ मथुरा-वृंदावन की स्थापना कार्यक्रम में इस अवसर पर बडे बडे महामण्डलेश्वर,आचार्य,स्वामी जी सहित राजनैतिक एवम प्रशासनिक हस्तियो का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
श्री चित्रगुप्त पीठ पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी सच्चिदानंद पशुपति जी महाराज के आह्वान पर हजारो चित्रांश बन्धुओ ने देश के कोने कोने से पहुंच कर कार्यक्रम की शोभा बढायी।
श्री चित्रगुप्त पीठ प्रांगण में प्रभु की भव्य मनोहारी दर्शनीय प्रतिमा के अनावरण उत्सव में जनपद एटा से कायस्थ समाज की तरफ से जिला चित्रगुप्त कल्याण समिति के तत्व एक प्रतिनिधि मंडल में अध्यक्ष अनुपम जौहरी, महामंत्री अनिल प्रकाश सक्सेना, कोषाध्यक्ष लाल बहादुर सक्सेना, उपाध्यक्ष अमित कुमार जौहरी एडवोकेट आदि चित्रांशबंधु ने शिरकत की एवं देश विदेश से आए प्रख्यात आचार्य जनों का आशीर्वाद प्राप्त किया, इस भव्य एवं दिव्य अनुपम क्षण का सौभाग्य प्राप्त।।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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