एसपी आलोक प्रियदर्शी की नई पहल आई सामने, अपराध नियंत्रण को 60 हिस्ट्रीशीटरों समेंत 308 अपराधियों के साथ बैठक कर की वार्ता

एसपी आलोक प्रियदर्शी की नई पहल आई सामने, अपराध नियंत्रण को 60 हिस्ट्रीशीटरों समेंत 308 अपराधियों के साथ बैठक कर की वार्ता

क्यूॅॅं न लिखूॅं सच ब्यूरो अरविंद शुक्ला
फर्रुखाबाद फतेहगढ़ पुलिस लाइन में पुलिस अधीक्षक अलोक प्रियदर्शी ने 308 अपराधियों को पुलिस लाइन में बुलाकर उन्हें अपराध छोड़कर कर सकुशल जीवन जीने के तरीके बताए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जो अपराधी अपराध छोड़कर कर कोई न कोई काम कर अपना जीवन यापन कर रहे है। जब उनके क्षेत्र में कोई लूट, हत्या, चोरी, की घटना होती है तो पुलिस सबसे पहले पुराने अपराधियों से करती है।

पूछताछ पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी कहा कि इन सबसे बचने के लिए एक ही तरीका है अपराधियों को पुलिस के साथ तालमेल बनाना होगा। उनके क्षेत्र में कोई अपराधी हैं घटनाओं को अंजाम दे रहा है। तो वह लोग पुलिस को गोपनीय सूचना दे सकते हैं। सभी थानों में अपराधियों का सत्यापन चल रहा है। जो अपराधी 10 पहले अपराध कर चुके उन सब अपराधियों की पूरी पुलिस प्रोफ़ाइल तैयार कर रही हैं। उनके मोबाइल नम्बर सहित रिस्तेदारी और अपराध कर रहा या नहीं । इसके संबंध में जानकारी जुटा जा रही है । पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बीते 10 वर्षों में करीब 1400 अपराधी चिन्हित किए गए हैं। अब तक 500 अपराधियों का सत्यापन हो गया है। जनपद में 1000 अपराधियों को चिन्हित किया गया है। आज 308 अपराधियों को बुलाया गया था। जिसमे 60 हिस्ट्रीशीटर अपराधी भी शामिल है।
पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि अपराधियों के लिए थाने में हाजरी रजिस्टर बनाया है। अपराधियों को थाने में हाजरी लगानी होगी और क्या काम कर रहे है यह बताना होगा । पुलिस इन अपराधियों की निगरानी करेगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इससे अपराध और अपराधियों पर नकेल कसेगी।

मीडिया से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि जिले में इस अपराधियों की नेगन के लिए इस प्रकार का अभियान पहले थाना लेवल पर चलाए जा रहा था।
एसपी आलोक प्रियदर्शी ने बताया आज 10 साल पुराने अपराधियों को बुलाया गया था। जिसमें गोकशी, लूट, चोरी, नकबजनी की घटनाओं में सम्मिलित रहे अपराधियों को आने के लिए आदेशित किया गया था। उन्होंने बताया कि जेल से छूटकर जिले में रह रहे अपराधियों को सत्यापित करने की व्यवस्था की गई थी। ताकि पता चल सके कि वह अपराध का जीवन छोड़ चुके हैं या अभी भी अपराध में संलिप्त हैं। इनकी डिटेल को थाने के रजिस्टर में चस्पा किया गया। उनकी फोटो लगाई गई उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड रखा गया। और एक रजिस्टर हाजिरी का थाने में रखा गया। और समय-समय पर उन्हें बुलाकर उनसे बातचीत करने का प्रावधान किया गया है। इस संबंध में आज 308 अपराधियों को बुलाकर जिनमें 60 हिस्ट्रीशीटर शामिल है। वह मेरे द्वारा वेरीफाई किया गया। और उनसे वार्ता की गई है। उन्हें बताया गया कि उनके इलाके में कोई गलत बात होती है तो पुलिस को सूचना दें। अपराध और अपराधियों की छानबीन में पुलिस की मदद करें।

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