होटल वनाम अय्याश खाना

एटा । “कहते है मरे विना स्वर्ग” नहीं दिखता पर अगर आप जनपद एटा मे रहते है तो जीते जी स्वर्ग तो नहीं पर इंद्रलोक के दर्शन तो कर ही सकते है.. बस शर्त इतनी सी है आप के पास मोटी रकम ओर रात का समय होना चाहिए ….मध्य रात्रि मे शहर का एक होटल जन्नत मे दब्दील हो जाता है इस जन्नत मे आप का न पकडे जाने की गारंटी के साथ जुआ खेलने की मनमानी छूट शराब ओर सवाव उपलब्ध रहता है सूत्रों के माने तो होटल मालिक को जुआ खेलने के साथ साथ हर जुर्म मे महारत हासिल है, होटल मालिक हत्याओ का भी गोल्ड मेडलिस्ट है, ओर एटा प्रसासन उसकी उगलियों पर नाचता है कैई मिडिया बंधुओ का भी का सानिध्य इस होटल मालिक को मिला हुआ है, इसके साथ इस होटल मालिक के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग अपराधिक प्रवृत्ति के हैं जो आप की सुरक्षा की पूर्ण गारंटी भी लेते वशर्ते आप इस होटल में आये ओर गैर कानूनी गतिविधियों में लिप्त हो,अति विश्वसनीय सूत्रों की जानकारी के अनुसार एक चौकी का निर्माण भी अप्रत्यक्ष रूप से इसी होटल मालिक ने कराया था और तत्कालीन एक चोकी प्रभारी आज भी इस होटल मालिक के कई गैर कानूनी कार्यों में सहयोग कर्ता है तब जबकि वो इस जनपद से अनयन्त्र स्थानांतरित है, कई नामचीन नेता भी शाम के समय इस होटल मालिक के इर्द-गिर जी हुजीरी करते नजर आते है अगर इसी प्रकार इस सफेद पोश होटल मालिक को प्रशासनिक, राजनीतिक ओर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का आशीर्वाद मिलता रहा तो जल्दी है इस होटल मे जनपद के लोगों को बार-बालायें भी नाचती हुई नजर आयंगी या फिर कोई बहुत बढ़ा कांड। जनपद वासियों को देखने को मिलेगा इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं इस धरती जन्नत का मजा लेने वाले अंततः दोजख की ओर कदम बढ़ा रहे होते हैं एक ओर बात है लोक सभा चुनाव के देखते हुये अभी तक समंबन्धित बिभाग के अधिकारियो ने सायद ही रात या दिन मै किसी होटल की जांच की हो कही कोई संधिक्त होटलो मै न रुका हो यह भी बतादै कि एक होटल मै एक ग्राहक के लिये बाला की नथ दो लाख पच्चास हजार मै उतारी गयी है मगर किसी पर कोइ फर्क नही अब देखना है कि इस पर क्या कार्यबाही होती है