
27 दिन तक मेरी माँ वाराणसी अस्पताल में बेहोश पड़ी रही. यह मात्र 24 साल के थे, इन्हें बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया…. अपनी नव विवाहिता और परिवार को छोड़ सेन्ट्रल जेल नैनी में बंद था, लाख कोशिश के बावजूद इंदिरा की सरकार ने पेरोल नहीं दी।
माँ गुज़र गयी फिर भी अंतिम संस्कार में भी जाने नहीं दिया, और ये लोग दुसरे को तानाशाह बोलते हैं.
यह बात बोलते हुए आप राजनाथ सिंह जी की आँखों में आंसू भी देख सकते हैं.
कांग्रेस के ढेरों पाप हैं…. और आज इनके साथ मोदी शाह जो भी कर रहे हैं… बहुत कम है… ये लोग इससे कहीं बुरा बर्ताव Deserve करते हैं.