मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश, सौ दिनों में हर हाल में चालू हो जाएं सभी ग्राम सचिवालय

“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त निर्देश, सौ दिनों में हर हाल में चालू हो जाएं सभी ग्राम सचिवालय

मुख्यमंत्री ने हर ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर का विकास करने और प्रत्येक जिले में कम से कम दो माडल ग्राम पंचायतों को सभी मूलभूत सुविधाओं व विकास कार्यों से लैस करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र जरूर हो।”
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। एक ही छत के नीचे ग्रामीणों को सभी सरकारी विभागों की सेवाएं उपलब्ध कराने की अपनी मंशा को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 100 दिनों में सभी ग्राम सचिवालयों को पूरी तरह चालू करने और उनमें आनलाइन उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पंचायत सचिवों की ïïक्लस्टर के अनुसार तैनाती करने के लिए कहा है। छह महीने के भीतर 1.5 लाख इज्जत घरों का निर्माण कराने का निर्देश भी दिया है।
बुधवार को ग्राम्य विकास सेक्टर से जुड़े विभागों की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतीकरण के दौरान उन्होंने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया कि 100 दिनों में ग्राम सचिवालयों में जन सेवा केंद्र (सीएससी) की सह-स्थापना के बारे में दिशानिर्देश जारी कर दिए जाएं। पंचायत भवनों में सीएससी के 750 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए ग्राम पंचायतों का चयन करने के साथ धनराशि जारी की जाए। इज्जत घरों के निर्माण पर जोर देने के साथ ओडीएफ प्लस ग्राम योजना के अनुरूप 5000 गांवों में काम शुरू करने के लिए भी कहा।

मुख्यमंत्री ने हर ग्राम पंचायत में ‘अमृत सरोवर’ का विकास करने और प्रत्येक जिले में कम से कम दो माडल ग्राम पंचायतों को सभी मूलभूत सुविधाओं व विकास कार्यों से लैस करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि हर गांव में एक आंगनबाड़ी केंद्र जरूर हो। सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की अच्छी व्यवस्था हो। गांवों में ठोस कचरे को कंपोस्ट के रूप में प्रसंस्कृत करने के प्रयास हों। गांवों में ड्रेनेज प्रणाली को बेहतर करने की जरूरत है।
बरसात के पहले नालों को डी-सिल्ट कर दिया जाए। गांवों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की जाए। मुख्यमंत्री ने बलिया में निर्मित क्षेत्रीय पंचायत रिसोर्स सेंटर को चालू करने के लिए कहा। नवाचार व उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने और पंचायत प्रतिनिधियों को एक्सपोजर विजिट कराने पर भी जोर दिया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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