
सुनीता विलियम्स धरती पर आने के 50 मिनट बाद भी कैप्सूल से बाहर क्यों नहीं आईं? पानी में इसका होता है इंतजार..
:भले ही ड्रैगन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे पानी में उतर गया था लेकिन अगले 50 मिनट तक अंतरिक्ष यात्री उसके अंदर से बाहर नहीं आए. सवाल है कि ऐसा क्यों है?आखिरकार वो लम्हा आ ही गया. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में 9 महीने गुजारने के बाद धरती पर लौट चुकी हैं. उनके साथ अंतरिक्ष में केवल 10 दिन के मिशन पर जाने के बावजूद 9 महीने गुजारने वाले बुच विल्मोर और दो अन्य अंतरिक्ष यात्री भी वापस आ गए हैं. इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर नासा और SpaceX के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का कैप्सूल फ्लोरिडा तट से लगे समंदर में उतरा. भले ही 4 पैराशूट की मदद से ड्रैलन कैप्सूल भारतीय समयानुसार तड़के सुबह 3.27 बजे पानी में उतर गया था लेकिन अगले 50 मिनट तक अंतरिक्ष यात्री उसके अंदर से बाहर नहीं आए. सवाल है कि ऐसा क्यों है, 9 महीने के इंतजार को और क्यों ही बढ़ाया जाता है. दरअसल इसके पीछे साइंस है.
मिशन का आखिरी 50 मिनट भी पेचीदा
मिशन घरवापसी का आखिरी हिस्सा कितना पेचीदा होता है, यह समंदर में उतरने के बाद भी करीब आधे घंटे से ज्यादा का सेफ्टी चेक बता रहा था. कैप्सूल की बारीकी से जांच की जाती. जब सेफ्टी चेक पूरा हो जाता है, उसके बाद ही सभी अंतरिक्ष यात्रियों को एक एक कर कैप्सूल से बाहर निकाला जाता है.करीब आधे घंटे तक यात्रियों को धरती पर लाने वाले ड्रैगन कैप्सूल की सिक्यॉरिटी चेक की प्रक्रिया चलती रही. एक कर्मचारी ने कैप्सूल के ऊपर चढ़कर उसकी अच्छे से जांच की.एक गचर्प के सौजन्य से