प्रभारी डीपीओ ने अपनी पदस्थ परियोजना की प्राइवेट दलाल के हवाले

वीडियो फुटेज में चौंकाने वाला पूरा खुलासा

एटा समाचार

जिले के बाल विकास विभाग के प्रभारी डीपीओ की मनमर्जियां अभी थमने का नाम नहीं ले रही। पूरे जिले की देखरेख कर रहे जिला स्तरीय कार्यक्रम अधिकारी अपनी पदस्थ परियोजना जैथरा को एक प्राइवेट दलाल को सौंप कर खाने कमाने का खेल खेल रहे हैं।
विभाग में तैनात आंगनबाड़ी सूत्रों के हवाले से बताया गया है पप्पू उर्फ भूप सिंह नाम का व्यक्ति जो अधिकारियों और आंगनबाड़ी के बीच तरह तरह कथित लेनदेन का मध्यस्थ बन कर अधिकारी की तरह पेश आ रहा है। वीडियो फुटेज में जैथरा परियोजना कार्यालय में बैठ कर बेखौफ काम काज कर रहा है। इस मामले में अनेक महिला वर्कर ने जब मुख्य सेविका मधुरानी से कहा तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया। पिछले दिनों आंगनबाड़ी केंद्रों के निरीक्षण के नाम पर नोटिस देकर धन बसूल करने का काम किया गया जिसके तहत पांच पांच हजार रुपए लाओ समाधान पाओ योजना खुलेआम चलती रही।
बताया जा रहा है पप्पू नाम का ये दलाल डी पी ओ का एजेंट बन कर काम कर रहा है ।पूरी परियोजना पर इसी के बताने से सी डी पी ,सुपरवाइज़र मैडम ,बाबू ,कोडीनेटर तक इसी के बताने पर काम कराया जा रहा है तीन तीन सुपरवाइज़र सी डी पी ओ बाबू ,कोडीनेटर फिर भी एक प्राइवेट बाहरी व्यक्ति को खुली छूट दे रखी है वेखोफ़ होकर काम कराया जा रहा है उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश जो अभी कुछ दिन पहले आया था कि किसी भी कार्यालय पर प्राइवेट व्यक्ति काम नहीं कर सकता ये निर्देश दिए गए थे। इस मामले में अनेकों आंगनबाडियों ने बताया है डी पी ओ से मिलाने का काम पप्पू के अलावा किसी और यानी मैडम तक की हिम्मत नही है जो बात करा सके परियोजना से डी पी ओ आफिस तक की जिम्मेदारी पप्पू की है कायर्कत्रियो के अंदर इतना डर भर दिया है कि सही बात तक नही कह पा रही है सभी से उक्त दलाल कह रहा है 2000 हज़ार दे दे कर जाओ नही तो सहाब की गाड़ी घुमवा दूगा वाइस काल करके बात होती है रिकार्ड न हो पाये ।आंगनबाड़ी बताती हैं परियोजना बाबू , मैडम मायने कुछ नही कोई समस्याए है तो कायर्कत्री पप्पू के साथ लेकर डी पी ओ से मिलती है मैडम भी कह देती है हमारी नही चलती पप्पू से मिलो और अपनी बात कर लो।
मधुरानी जो अभी एटा अवर्न सेआयी है सी डी पी ओ प्रभारी बना दी है यानी अपनी जिम्मेदारी मधुरानी को सौंपी है जबकि जिलाधिकारी द्वारा इस परियोजना पर संजय सिंह की नियुक्त की है कंचन और सुशीला सुपरवाइज़र है सिर्फ नाम के लिए मजे की बात यह है कि कोई सुपरवाइजर किसी और के क्षेत्र में बसूली कर लेती है डंके की चोट पर। इस विवाद का वीडियो फुटेज खुद गवाही दे रहे हैं।इसमें बताया गया है
दूसरे क्षेत्र की मुख्य सेविका है ये इस दलाल महिला को लेकर दूसरे के क्षेत्र मे वसूली के चक्कर मे जाती है 3 तीन-तीन हजार की मांग की जा रही है जब कि उस क्षेत्र की तैनात मुख्य सेविका को मालूम तक नही है जैथरा मे खुल्लमखुल्ला लूट हो रही है इन दलालो के साथ डीपीओ एवं विभागीय कर्मी खडी है और अनेक दलाल महिला सी डी पी ओ बनकर जाती है जमकर बैठती है आंगनबाडी से अपनी फीस पहले ही ले लेती है आंगनबाड़ी से नोकरी ख़तरे मे पड जायेगी ये कहकर धमकाती है।
अभी पिछले दिवस स्वास्थ विभाग टीम ने जब पड़ताल की तो पता चला लाभार्थियों को राशन नहीं मिला इसके पीछे बताया जा रहा है चार्ज बालो से पांच पांच हजार रुपए वसूली कर ली और कह दिया गया है कायर्त्रियो को खुद बेचकर खा रही है। भ्रष्टाचार के नंगनाच की जैथरा से बड़ी मिसाल कोई होगी यह समझ से परे है जबकि उक्त परियोजना डीपीओ की पदस्थ परियोजना है। जैथरा परियोजना के खुल्लमखुल्ला भ्रष्टाचार को है कोई देखने बाला।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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