त्याग और संघर्ष की प्रतिमूर्ति बिमला जी को विनम्र श्रृद्धांजलि–ज्ञानेन्द्र रावत

देश की जानी-मानी समाजसेविका, महात्मा गांधी के काम को जन-जन तक पहुंचाने वाली सरला बहन की शिष्या और देश के प्रख्यात गांधीवादी पर्यावरणविद पद्मविभूषण सुंदर लाल बहुगुणा की धर्मपत्नी त्याग और संघर्ष की प्रतिमूर्ति आदरणीय बिमला जी का 93 वर्ष की आयु में निधन देश, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणवादियों के लिए अपूरणीय क्षति है। वरिष्ठ पत्रकार,लेखक एवं पर्यावरणविद श्री ज्ञानेन्द्र रावत ने कहा है कि वे आजादी के बाद चाहे वह अछूतों के मंदिर प्रवेश का मामला हो, शराबबंदी का हो,चिपको आंदोलन या टिहरी बांध विरोधी आंदोलन हो, देवदार के पेड़ की तरह सुंदरलाल बहुगुणा जी के साथ खड़ी रही। कार्यकर्ताओं के प्रति उनका असीम प्रेम, करुणा, स्नेह और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा अविस्मरणीय है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए उनका आशीर्वाद मां के आंचल की छाया और तरल स्नेह के समान था। श्रद्धा, सम्मान के साथ उन्हें विनम्र आदरांजलि।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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