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सेवानिवृत्त टीचरों को ग्रेच्युटी न देने वाले प्रदेश के सभी बीएसए की जांच कर कार्रवाई का निर्देश

⚫ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की लगातार अवहेलना करने के कारण प्रतिदिन भारी संख्या में सेवानिवृत्त अध्यापक अवमानना केस दाखिल कर रहे हैं।
इनके आचरण से लगता है कि वे कोर्ट आदेश का सम्मान जानबूझकर नहीं कर रहे हैं।
🟤 कोर्ट ने विजय किरण आनंद महानिदेशक बेसिक शिक्षा को कहा है कि कोर्ट आदेश की अवहेलना करने वाले सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों की जांच करें। अधिकारी सुप्रीम कोर्ट से तय होने के बावजूद ग्रेच्युटी मय ब्याज के भुगतान नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी अयोग्य है या आदेश की समझ नहीं है या अन्य कारण जो वहीं जानते हैं, आदेश का पालन नहीं कर रहे।
⚪ कोर्ट ने ऐसे अयोग्य, अक्षम बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हटाकर योग्य व ईमानदार अधिकारियों की तैनाती करने का निर्देश दिया है, ताकि सरकार की छवि को धब्बा न लगे।
🔵 कोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया हरिश्चंद्र नाथ के विरुद्ध अवमानना आरोप निर्मित किया है और दो हफ्ते में कारण बताने को कहा है कि क्यों न उन्हें आदेश की जानबूझकर अवहेलना के आरोप में दंडित किया जाय। कोर्ट ने बीएसए को अगली सुनवाई के समय 25 मई को हाजिर रहने का भी निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सुनीता सिंह की अवमानना याचिका पर दिया है।
🟢 कोर्ट के निर्देश पर बीएसए देवरिया हरिश्चंद्र नाथ व वित्त एवं लेखाधिकारी देवरिया संजय कुमार हाजिर हुए और हलफनामा दिया कि ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया गया है किंतु ब्याज के अनुमोदन के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। हाईकोर्ट ने उषा रानी केस में सुप्रीम कोर्ट के ग्रेच्युटी भुगतान को लेकर पारित आदेश के अनुसार याची को भी ब्याज सहित ग्रेच्युटी का भुगतान करने का निर्देश दिया था।
🟡 जिसका पालन एक साल बाद भी नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा ब्याज के भुगतान का शासन से अनुमोदन पत्र बड़ी चालाकी से हाईकोर्ट में पेश होने के पहले भेज दिया गया। यह आचरण कोर्ट आदेश की जानबूझकर अवहेलना है।