मुख्तार के उन पैरोकारों के खिलाफ गोपनीय रूप से सूचनाएं जुटाई, रिपोर्ट योगेश मुदगल

आगरा, । बांदा जेल में बंद मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी ने आगरा सेंट्रल जेल में भी लंबा समय गुजारा है। वर्ष 1999 में जेल में छापेमारी के दौरान उसकी बैरक में बुलटप्रूफ जैकेट और मोबाइल मिला था। आगरा में बंद रहने के दौरान कड़े सुरक्षा घेरे में उसे पेशी पर ले जाया जाता था। उसके गुर्गों की गाड़ियां पुलिस वाहनों के साथ चला करती थीं। दो बार उसके गुर्गे भी पकड़े गए थे। उन पर हथियार भी मिले थे।
24 साल पहले मुख्तार अंसारी के खिलाफ जगदीशपुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे में 25 गवाह हैं। कुछ गवाहों की मौत हो चुकी है। इस मुकदमे में 17 की गवाही हो चुकी है। चार गवाहों के बयान होना शेष बचे हैं। मामला विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा है। पिछले दिनों इस मुकदमे में पूर्व एसएसपी आगरा सुबेश कुमार सिंह की गवाही हुई थी।
कोर्ट में मुख्तार अंसारी की तरफ से पैरवी देखकर वह हैरान रह गए थे। उस दौरान यह खुलासा हुआ था कि आगरा के कई लोग सीधे मुख्तार अंसारी से जुड़े हुए हैं। उसकी पैरवी करते हैं। मुख्तार जब आगरा सेंट्रल जेल में बंद था उसके गुर्गों को ठहराया करते थे। मुख्तार के उन पैरोकारों के खिलाफ गोपनीय रूप से सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।