
रीवा: मध्यप्रदेश में रेत माफिया के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। भिंड जिले के कलेक्टर पर हमले की घटना के बाद अब रीवा जिले में भी पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। ताजा मामला रीवा जिले के गड्डी रोड का है, जहां ओवरलोडिंग हाईवा की कवरेज कर रहे पत्रकार पर रेत माफिया ने बेरहमी से हमला कर दिया। इंडिया न्यूज़ के जिला संवाददाता आशुतोष द्विवेदी गड्डी रोड पर ओवरलोडेड हाईवा की रिपोर्टिंग कर रहे थे, तभी अचानक बिना नंबर प्लेट की सफेद रंग की गाड़ी से पहुंचे रेत माफिया और उनके गुर्गों ने उन पर हमला बोल दिया। पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी गई और अपशब्द कहे गए! गनीमत रही कि पत्रकार किसी तरह बच निकले और उन्होंने इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि हमलावर खुलेआम पत्रकार को धमका रहे हैं और प्रशासन की निष्क्रियता का मखौल उड़ा रहे हैं।
प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में
घटना के तुरंत बाद पत्रकार आशुतोष द्विवेदी ने बिछिया थाने में मामला दर्ज कराया है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि प्रशासन इस मामले में कब तक और क्या कार्रवाई करेगा? प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जहां मुख्यमंत्री मोहन यादव पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़े वादे करते हैं, वहीं उनके ही उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के जिले में रेत माफिया का खुला आतंक देखने को मिल रहा है। ऐसा लगता है कि प्रशासन ने इन्हें खुली छूट दे रखी है, जिससे वे अब पत्रकारों पर भी हमलावर होने से नहीं चूक रहे।
क्या प्रशासन चूड़ियां पहनकर बैठा है?
देश के चौथे स्तंभ पर हमला किसी भी लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। प्रशासन की ढिलाई के कारण रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे अब खुलेआम पत्रकारों पर हमला कर रहे हैं। क्या प्रशासन इस हमले पर कोई ठोस कार्रवाई करेगा या हमेशा की तरह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?सरकार और पुलिस प्रशासन को इस मामले में तत्काल सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है, ताकि भविष्य में पत्रकारों पर इस तरह के हमले न हों। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए, वरना लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण स्तंभ की स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा मंडराने लगेगा।