
जब कलम की ताकत बिखरती है तो सबसे ज्यादा शासन प्रशासन को फायदा होता है– अधिकारियों में बैठकर बहुत बड़ी इमेज जो–परिणाम हमारे सामने है आज की भीड़,आप यदा कदा को छोड़कर नये किसी भी पत्रकार से पूछिए कि पत्रकार और पत्रकार की परिभाषा क्या है जबाव नहीं मिल सकता है,परिणाम आज पत्रकार खुद पीड़ित हैं और कोई सुनने बाला नहीं क्योंकि आप पत्रकार कम नेता ज्यादा है,और भूल जातें हैं सोचकर कि हर सरकार हमारी है, और हम इमेज से लेकर कलम की ताकत तक स्तेमाल होने वाले बो मोहरे बन जाते हैं जिसके खिलाफ आपकी कलम कभी चल ही नहीं सकती है क्योंकि कलम तो–आपकी बेदम हो चुकी है वरना कलम की ताकत से बड़ी दूसरी और कोई ताकत ही नही चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं पर किसकी उंगलियों में है उस पर डिपेंड करती है। दीप्ति,✍️