
झारखंड
गिरिडीह लगभग ढाई वर्ष तक जेल में रहने के बाद अपनी ही पत्नी को अगवा कर बंधक रखने वाले आरोपी अभियुक्त राजू यादव को न्यायालय ने रिहा कर दिया। इस संदर्भ में वर्ष 2020 में जमुआ हुआ थाना में जमुआ थाना कांड संख्या 310 /2020 दर्ज किया गया था। अनुसंधान के बाद पुलिस ने इस मामले में अभियुक्त राजू यादव के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित किया। उसके बाद इस मामले के विचारण हेतु न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती सुशीला हसदा की अदालत में आया। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक सर्वेश कुमार ने पांच साक्षियों का गवाह कराया । बचाव पक्ष की ओर से उसके अधिवक्ता महीप मयंक ने भी एक गवाह कराया, एवं कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किया।
बहस के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता मयंक ने कहा यह प्राथमिक की पूरी तरह से बनावटी और झूठी है ।केवल पति से भया दोहन करने के लिए उसकी सास ने गलत मुकदमा दर्ज किया है।इस मामले की सच्चाई यह है कि कथित पीड़िता अभियुक्त की पत्नी सरिता देवी जयपुर से बिना कुछ बोले अपने मित्र के साथ कोलकाता चली गई। वहीं छिप कर रह रही थी और यहां उसके गांव में उसकी माता ने जमुआ थाना में झूठी प्राथमिक दर्ज कराई थी। क्योंकि जब सरिता जयपुर से गायब हुई तो उसके पति अभियुक्त राजू यादव ने जयपुर थाने में जाकर इस बात की सूचना थी ।इतना ही नहीं उसने जमुआ थाना में भी इस आशय का एक सनहा दर्ज कराया था। जो कि इस बात का प्रमाण है कि वह निर्दोष है । वह स्वयं अपनी पत्नी की खोज में जुटा हुआ था। जबकि अभियोजन पक्ष का कहना था कि अभियुक्त ने एक साजिश के तहत अपनी पत्नी को गायब किया और उसे कोलकाता में बेच दिया ।क्योंकि वह अपनी पत्नी को पहले भी प्रताड़ित करता था। जिस बात को लेकर न्यायालय में मुकदमा भी हुआ था। मामले के विचारण के दौरान वर्ष 2023 में एक दिन नाटकीय तरीके से कथित पीड़िता सरिता देवी अपने गांव चली आई। जहां पुलिस ने उसका बयान न्यायालय में कराया था। इस बीच प्राथमिक की दर्ज होने के बाद पुलिस ने 6 मार्च 2022 को अभियुक्त राजू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तब से वह जेल में था ।बचाव पक्ष का अधिवक्ता ने अदालत से यह भी कहा कि बिना किसी अपराध के यह व्यक्ति ढाई वर्षो से जेल में हैं ।क्योंकि अभियोजन पक्ष इस तरह का कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत कर सका कि उसे अगवा किया गया और उसे बंधक बनाकर रखा गया। दोनों पक्षों की दलित सुनने के बाद अदालत ने मंगलवार को अभियुक्त राजू यादव को रिहा कर दिया। रिहाई पर उसके परिजनों ने कहा कि यह न्याय की जीत हुई है।