
सीएम IGRS हेल्पलाइन की शिकायतों के मनमाना निस्तारण पर मुख्यमंत्री के एक्शन पर भारतीय मीडिया फाउंडेशन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बीएमएफ के संस्थापक एके बिंदुसार ने कहा कि भू -माफियाओं से संबंधित शिकायतों पर गलत रिपोर्ट पर हो जाता है निस्तारण।
नई दिल्ली।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ के द्वारा जनसुनवाई पोर्टल के संदर्भ में जोरदार एक्शन लिएं जाने पर भारतीय मीडिया फाउंडेशन की ओर से उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के संस्थापक एके बिंदुसार जी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण तिवारी जी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सीएम हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नोटिस जारी जारी करने से मात्र काम नहीं चलेगा क्योंकि यह उजागर हो चुका है कि किस तरीके से निम्नलिखित जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने जनता के साथ घोर अन्याय किया है।
उन्होंने कहा कि गोंडा, देवरिया, भदोही, ललितपुर, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, आजमगढ़, मिर्जापुर डीएम और कप्तान से जवाब तलब किया जा रहा है यह बहुत ही उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सराहनीय कार्य है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्य सचिव ने लापरवाही पर डीएम और कप्तानों को फटकार लगाई है इस तरह संबंधित थाने को भी नोटिस भेज कर उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि सारा भ्रष्टाचार का खेल थाने से शुरू होता है भू- माफियाओं को जमीन कब्जा कराने, पीड़ितों के साथ अभद्र व्यवहार करने उनके ऊपर फर्जी मुकदमे करने, पत्रकारों का उत्पीड़न करने इस तरह का कार्य थाने लेवल से शुरू होता है।
भारतीय मीडिया फाउंडेशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता कृष्णकांत जायसवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य अपराधीकरण मुक्त विधेयक लाना चाहिए।
उन्होंने कहां कि पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता सुरक्षा कानून को राज्य सरकार लागू करें।
उन्होंने कहा कि जारी नोटिस में कहा गया है कि डीएम और कप्तानों से रिपोर्ट मिलने के बाद हो सकती है कार्यवाही यह कैसे माना जाए जब जिले के वरिष्ठ अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं चाहे वह आम जनता की समस्या हो या पत्रकार की हो सामाजिक कार्यकर्ताओं की हो सुनते नहीं अपने दफ्तर में मिलते नहीं पीड़ितों का दौड़ दौड़ कर बुरा हाल हो जा रहा है मीडिया किसी की खबर प्रकाशित करती है तो उसके ऊपर तमाम तरह के झूठे आरोप लगाए जाते हैं फर्जी मुकदमे किए जाते हैं।
सबसे पहले तो ट्विटर फेसबुक ब्लॉक कर दिया जाता है जो मानवाधिकारों का हनन होता है तो इस पर उत्तर प्रदेश सरकार या केंद्र सरकार अपना क्या पक्ष रख रही है उसका हम इंतजार कर रहे हैं।