
नाम- पाना देवी ! उम्र- 92 वर्ष | 3 स्वर्ण पदक ||
पुणे में आयोजित 44वीं नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2024 में एक खिलाड़ी ने तीन स्वर्ण पदक जीते हैं | वैसे हमारे देश में ऐसे कई युवा एथलीट्स हैं जो एक साथ कई मेडल्स जीत चुके हैं, तो इस खिलाड़ी में क्या ख़ास है ?
यह सबसे ख़ास हैं:grinning: क्योंकि 100 मीटर दौड़, गोला फेंक व तश्तरी फेंक में गोल्ड जीतने वालीं यह हैं 92 साल की पाना देवी गोदारा :heart_eyes:
जी हाँ, राजस्थान के बीकानेर जिले की इस बुजुर्ग महिला ने कमाल कर दिखाया है। जिस तरह कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती; इन्होंने दिखा दिया है कि उसी तरह खेलने की भी कोई उम्र नहीं होती। 92 साल की पाना देवी के पोते जय किशन गोदारा ने दादी को खेलने के लिए प्रेरित किया था। जय किशन खुद एक नेशनल खिलाड़ी हैं और पिछले कई सालों से वह बच्चों को अलग-अलग खेलकूद में ट्रेन करते हैं। उसके काम को देखने के लिए एक दिन उनकी दादी उनके साथ स्टेडियम आई थीं।
जय किशन बताते हैं, “उस दिन के बाद दादी मेरे साथ हमेशा करणी सिंह स्टेडियम आने लगीं। दादी ने एक दिन कहा कि वह भी खेलना चाहती हैं।” फिर क्या था, पोते ने दादी के पंखों को उड़ान दी और उनका हौसला बढ़ाया और वह इस मुक़ाम पर पहुंचीं।
पाना देवी ने अपनी जीत और अपनी सेहत का मंत्र बताते हुए कहा कि फास्ट फूड, डिब्बा बंद खाना और ठंडे पानी का उन्होंने कभी सेवन तक नहीं किया है। यही उनकी सेहत का असली राज़ है। सुबह जल्दी उठना और घर के काम में मदद करना उनके रोज़ाना के शेड्यूल का हिस्सा है। साथ ही वह किसी तरह की दवाई भी नहीं खातीं, उन्होंने बताया कि सालों से उन्होनें कोई मेडिसिन नहीं ली है।
नेशनल गेम्स एक्टिविटी में हिस्सा लेकर लौटीं पाना देवी अब गाँव की महिलाओं को गेम्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनके पोते जय किशन गोदारा ने बताया कि दादी की कामयाबी के बाद गाँव की महिलाएं उनसे मिलने के लिए आने लगी हैं। पांच बेटों और तीन बेटियों की माँ पाना देवी स्वस्थ हैं, यह सभी को पता था, लेकिन नेशनल खेलकर वह गाँव का नाम रोशन करेंगी, यह किसी ने नहीं सोचा था।
पाना देवी अब वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने के लिए अगस्त में स्वीडन जाएंगी।
दादी के उत्साहवर्धन में एक Jai Hind तो बनता है।
Jai Hind,