फर्जी वकालत नाम एटा में घोटाला

एटा,घोटाला अभी क्यों हुआ ,इतने वर्षो में क्यों नहीं हुआ,
जिस दिन ये मामला सामने आया उसी दिन AWF का रिकार्ड सील क्यों नहीं किया गया
ओर संबंधित क्लर्क को उस सीट से दूसरी जगह क्यों नही हटाया गया
जब यह फर्जीवाड़ा सामने आया तभी से AWF की कमेटी जांच कर रही थी जिसमे अध्य्छ सचिव भी थे तो उसे बिना जनरल हाउस की बैठक के केसे भंग कर दिया
ओर बिना हाउस की बैठक किए नई जांच कमेटी केसे गठित कर दी
जांच कमेटी ने पूरी जांच कर ली किसी अभियुक्त का नाम ओपिन नही,
जो वादी है जिन्होंने फर्जी वकालतनामा पकड़ा उनको ही
जांच कमेटी ने दोषी करार दे दिया
स्टांप बैंडर के संबंध में कोई जांच नही
बाकी कल बैठक में सबके सामने
लाल जी ने यह भी बताया कि उसको धमकाकर जबरन पांच लोगों ने दस्तखत कराए ,
जो हमारे वरिष्ठ और परिवार के भीष्म पितामह हे जो निस्वार्थ भाव से AWF कोष की रखवाली कर रहे हैं उनको भरी बैठक में जांच कमेटी द्वारा आरोपित करना बहुत शर्मनाक,ओर अशोभनीय CBA के लिए काला इतिहास हे,क्योंकि भविष्य में शायद ही कोई इस पद को ग्रहण करे,
जांच कमेटी में किसी AWF कमेटी के सदस्य को क्यों नही रखा गया जिनको AWF की प्रक्रिया की जानकारी थी
क्या जांच कमेटी में ऐसा कोई सदस्य रखा गया जिनको AWF की प्रक्रिया की पूर्ण जानकारी हे कमेटी कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने बार की स्ट्राइक में खुलकर काम किया,बार के पारित प्रस्तावों उल्लंघन किया ,साथ ही बार चुनाव लड़ने का मन बनाए हैं
और विना रिपोर्ट दर्ज कराए
विना जांच पूरी हुए जैसा कल मीटिंग में बताया गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है
फिर भी अखवार में न्यूज प्रकाशित कराना और भी शर्मनाक🙏

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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