
यह महामानव महात्मा भी बड़े जीवट वाले हैं. बहत्तर वर्ष की आयु के पश्चात भी नौ दिवस से अन्न का एक दाना नहीं, कोई फलाहार नहीं, प्रभात और साय काल को मात्र नारियल पानी, इतना कडा व्रत केवल अपने राष्ट्र के लिए, अपने सनातन के लिए, अपनी जनता जनार्दन के लिए. कोई भी साधारण मनुष्य इतना ऊर्जावान कैसे हो सकता है. राष्ट्र के प्रति समर्पित यह महा मानव पिछले बीस वर्षों से अधिक अपने उच्च पद पर आसीन होने के बाद एक भी छुट्टी नहीं लेता है, कोई परिवार का सदस्य साथ नहीं जिसके कंधे पर अपना सिर रख कर अपना दुख दर्द साझा कर ले, माथे पर त्रिपुण्ड सजा कर जो व्यक्ति हर पल केवल और केवल अपने राष्ट्र के बारे मे सोचता हो, ऐसे युगपुरुष को बारंबार प्रणाम. आने वाली हमारी पीढियाँ कहेंगी कि हमारे पूर्वजों ने मोदी युग देखा है. नमो नमो