बदन पे जिस के शराफ़त का पैरहन देखावो आदमी भी यहाँ हम ने बद-चलन देखा ख़रीदने को जिसे कम थी दौलत-ए-दुनियाकिसी कबीर की मुट्ठी में वो रतन देखा मुझे मिला है वहाँ अपना ही...
@#,मुहल्ले में कटोरियों का घूमना– चौपाल पर खड़ा नीम का पेड़–जैसे अम्मा का आंचल हो– छांव तले बैठकर एक दूसरे के–जैसे दुख सुख का बटवारा हो– मन की तराजू पर भावों का भार–जैसे अरमानों...
समसामयिक सवालिया बिम्ब पर एक हिंदी गजल– #आजादी_का_सूरज_कब_तक..! उस फुटपाथी जीवन की ,कब तक भोर सुनहरी होगी। दर्दों की सुनवाई पर कब तक कोर्ट कचहरी होगी। छत आकाशी बिस्तर धरती, जिनके हिस्से घोर अंधेरे,...
बुढ़ापे की मजबूरीपति के देहांत के बाद में अपने एक लौते बेटे के यहाँ रहती थी.मेरी बहूँ का एक अलग ही रूप मुझे देखने मिला. साथ ही बेटे का भी. दोनों के मन में...
कहानी दोनों बच्चे अमेरिका में हैं, लड़की का पति किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता है और लड़का वहां एमबीए कर रहा है। नोएडा की पॉश कॉलोनी में घर है, दिल्ली में भी एक...