18 सितम्बर को लगेगा 2024 का दूसरा चंद्रग्रहण, भारत में नहीं होगा सदृश्य

वाराणसी। साल 2024 में सूर्यग्रहण, चंद्रग्रह और शनि चंद्रग्रहण के बाद अब 17-18 सितम्बर को अगला चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है। यह एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा और इस दौरान चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिप जाएगा।

मालूम हो कि चंद्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहा जाता है जब सूर्य और चंद्रमा की सीधी रेखा के बीच में पृथ्वी आ जाती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है और चंद्रमा का वह हिस्सा दिखाई नहीं देता। चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा के दौरान ही होता है।

चंद्रग्रहण18 सितम्बर की पूर्णिमा को लगेगा जो हार्वेस्ट मून या सुपरमून होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्द्ध के शरद विषुव के सबसे करीब होने जा रहा है। विषुव साल में दो बार होता है। इस दौरान सूर्य भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर होता है, जिसके चलते दिन और रात बराबर लंबाई के होते हैं। उत्तरी गोलार्द्ध में विषुव 22 या 23 सितम्बर को पड़ता है, जब सूर्य दक्षिण की ओर जाते हुए आकाशीय भूमध्य रेखा को पार करता है। दक्षिणी गोलार्द्ध में विषुव 20 या 21 मार्च होता है, जब सूर्य आकाशीय भूमध्य रेखा के पार उत्तर की ओर बढ़ता है। इसी समय से ऋतुओं में भी बदलाव शुरू होता है।

स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्सों, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। हालांकि, नई दिल्ली और देश के दूसरे हिस्से में रहने वाले लोगों को निराशा हो सकती है, क्योंकि ग्रहण रात के समय क्षितिज के नीचे होगा। यह खगोलीय घटना 18 सितम्बर को सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। इस चरण के दौरान, चंद्रमा की सतह पर एक सूक्ष्य छाया दिखाई देने लगेगी, लेकिन यह नग्न आंखों से देखे जाने योग्य नहीं होगी। हालांकि, इसे ऑनलाइन देखा जा सकता है। नासा के सोशल मीडिया प्लेटफऑर्म पर इसका प्रसारण किया जाएगा।

About The Author

निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपडेट खबर के लिए इनेबल करें OK No thanks