चैती के अनेक प्रकारों से विद्यार्थियो को परिचित कराया

डारी डारी महके चंदनवा हो रामा।

आज दिनांक 16 मार्च को मंचकला विभाग में “होरी, चैती एवं बारहमासा लोक गायन शैली पर त्रिदिवसीय कार्यशाला ” के दूसरे दिन विषय विशेषज्ञ के रुप में पधारी विदुषी डॉक्टर सुचरिता गुप्ता जी ने चैती के अनेक प्रकारों से विद्यार्थियो को परिचित कराया। साथ ही “आहो रामा चैत महिनवा में राम जी “यह चैता और डारी डारी महके चंदनवा हो रामा चैती का प्रशिक्षण दिया। अंत में बीत जाय उमिरिया हमार बलमू” यह बारहमासा सिखाया।उपरोक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संगीता घोष,विभागाध्यक्ष, मंचकला विभाग ने की। तबले पर संगत सुमंत कुमार ने किया। एवं हारमोनियम पर संगत विभाग के ही विद्यार्थी शिवम सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन मंच कला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ संगीता घोष द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से किया गया। कार्यशाला में मंच कला विभाग के लगभग 100 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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