
इलाहाबाद हाईकोर्ट आगरा पुलिस से खफा है। बार-बार आदेश के बावजूद पुलिस अधिकारी अदालत को हलफनामें पर यह नहीं बता पा रहे हैं कि प्रशासनिक जज के दौरे के दिन 70 वर्षीय अधिवक्ता को नजरबंद करना क्यों जरूरी था। कोर्ट ने 27 मार्च तक हलफनामा दाखिल करने की आखिरी मोहलत दी है। साथ ही सुनवाई के वक्त पुलिस उपायुक्त को अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी. रमेश की अदालत ने अधिवक्ता महताब सिंह की याचिका पर दिया है। इससे पहले कोर्ट ने अधिवक्ता को नजरबंद करने पर चिंता जातई थी। जिला जज आगरा से रिपोर्ट तलब के साथ ही आगरा पुलिस से हलफनामा दाखिल कर पूछा था कि प्रशासनिक जज के दौरे के दौरान अधिवक्ता को नजरबंद करने का आदेश वास्तव में किसने दिया था।
यह एक अनूठा मामला है या फिर यही पुलिस की कार्यसंस्कृति है।