समाजवादी पार्टी/अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेंस..

समाजवादी पार्टी/अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेंस..

चुनाव के दिन बहुत सारे वीडियो हमने दिखाए थे,कुंदरकी की प्रत्याशी का वीडियो दिखाया था,सुबह ही उनके बूथ एजेंटों को बूथ से निकाल दिया था..

लोकतंत्र में जीत लोक से होती है,लेकिन ये लोग को निकलने ही नही दे रहे वोट ही नही देने दे रहे

बूथ के अंदर किसने वोट दिए वो किसने दिए ये समय आने पर निकल के आएगा

इनकी जीत के जश्न और लड्डू सब नाटक था,ऐसी जीत जीतने वालो को खोखला कर देती है,ऐसे लोग ताकत का झूठा प्रदर्शन करते है,लेकिन आईने में चेहरा खुद का नही देख पाएंगे।

शासन प्रशासन ही जब दुशासन बन जाए तो लोकतंत्र का चीरहरण होता है

इन्ही की धांधली चंडीगढ़ में पकड़ी गई थी,जिनके उंगलियों पर निशान नही उनके भी वोट डाल दिये गए

चुनाव आयोग अपने दस्तावेज पर देखे जिनका नाम दर्ज है वो लोग बूथ पर पहुंचे या नही।।अगर ईवीएम की कोई फोरेंसिक जांच हो तो पता चल जाएगा एक ही बटन पर कितने उंगलियों के निशान है

जो लोग बाहर थे,उनको इन्होंने पहले ही चिंहित कर लिया उनके वोट डाल दिये गए
ये नए तरीके का इलेक्ट्रॉनिक बूथ कैप्चरिंग है

मिल्कीपुर में ऐसा नही हो पाया तो वहां का चुनाव नही होने दिया

अनपढ़ आदमी भी समझता है कि पेट की आग उसे कभी नही जिता सकती जिसने रोटी रोजगार छीन लिया

भाजपा संविधान भाईचारा आरक्षण सब कुछ खत्म करने पर उतारू है

चुनाव के दिन जब निहत्थों पर बंदूक तानी गई तो भाजपा की कमजोरी दुनिया के सामने आ गई , लोकतंत्र में ऐसा तमाचा कभी नही पड़ा जिसकी गूंज से भाजपा को रातों में नींद नही आएगी

भाजपा सोच रही है पीडीए हताश होगा,लेकिन गलत सोच रही है,अन्याय उत्पीड़न लोगो को तोड़ता नही जोड़ता है,ये और मजबूत होगा,सदियों से पीडीए समाज का उत्पीड़न किया गया,यही दर्द लगातार पीडीए को जोड़ रहा है

भाजपा की बुनियाद हिल चुकी है,भाजपा को न गरीब वोट दे रहा है,नाही आरक्षण पाने वाला,नाही किसान नाही मजदूर नाही त्रस्त व्यापारी..कोई नही दे रहा है..

आप कार्यवाहक डीजीपी से कोई उम्मीद नही कर सकते..

मंदिर का सर्वे हो चुका था,दोबारा सर्वे इसीलिए करने गए क्योंकि चुनाव की धांधली और परिणाम पर चर्चा न हो

जो लोग एफिडेविट के साथ अपने साथ हुई धांधली की बात कहने आ रहे थे,उन्हें रास्ते मे रोककर थाने बैठा लिया गया

चुनाव के दिन पुलिस सादी वर्दी में उसी तरह काम कर रही थी,जिस तरह हिटलर ने ट्रूपर्स लगाए थे…

इन्होंने चुनाव में बेईमानी की है,जो अधिकारी वहां पोस्ट किए गए उनसे सांठगांठ नही हो पा रही थी,इसीलिए चुनाव आगे बढ़ा दिया गया था

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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