SDM राजकुमार मौर्य तहसील सदर की बड़ी कार्यवाही

ग्राम पंचायत पिवारी लेखपाल विकास कुमार द्वारा जाति प्रणाम पत्र पर ऑनलाइन आख्या लगाने के नाम पर मांगे थे 5000 हजार रूपये।

ग्राम पंचायत सिरसा बदन निवासी शिकायत कर्ता कालीचरण जाटव ने जिलाधिकारी एटा को एक शिकायती पत्र देकर लेखपाल विकास कुमार पर आरोप लगाया है कि लेखपाल जाति प्रणाम पर पर आख्या लगाने के लिए 5000 रूपये मांग रहा है। इस सम्बन्ध तहसीलदार नीरज कुमार वार्ष्णेय द्वारा जाँच की गई तो काफ़ी हद तक शिकायत सही प्रतीत मालूम हुई क्योंकि ग्राम प्रधान द्वारा जाँच में बताया गया कि उक्त शिकायत कर्ता कालीचरण जाटव ग्राम पंचायत का मूल निवासी है व जाति से जाटव ही है। इसके उपरांत लेखपाल द्वारा ऑनलाइन जाति प्रणाम पत्र निरस्त कर दिया गया। इससे जाँच द्वारा पता चला है कि लेखपाल द्वारा रूपये की मांग की गई होंगी।

जाँच होने के बाद स्थिति 👇

लेखपाल विकास कुमार के खिलाफ जाँच होने के बाद SDM राजकुमार मौर्य द्वारा तहसीलदार नीरज कुमार वार्ष्णेय की रिपोर्ट के आधार पर विकास कुमार को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। जाँच में यह भी कहा गया है कि उक्त लेखपाल शासकीय कामों में भी रूचि नहीं ले रहें थे। लेखपाल अधिकारी को बिना बताये छुट्टी भी पर जा रहा था।लेखपाल NH के कार्यों में भी रूचि नहीं ले रहा था।भूलेखाधिकारी /प्रशासन अपर जिलाधिकारी सत्य प्रकाश द्वारा लेखपाल विकास कुमार को प्रतिकूल प्रवष्टि भी दी गई है। प्रशासन का यह भी मानना है कि उक्त लेखपाल विकास कुमार उच्चाधिकारियो के आदेशों की अवहेलना भी करता आ रहा था।

लेखपाल संघ का लेखपाल के लिए संघर्ष 👇

रिश्वत की मांग करने वाले लेखपाल विकास कुमार के लिए लेखपाल संघ का संघर्ष शुरू होने जा रहा है।संघ ने जिला प्रशासन को दो दिन का समय दिया है. संघ ने कहा है कि अगर लेखपाल का निलंबन बापिस नहीं किया गया तो जनपद एटा के सभी लेखपाल कार्य से विरत रहेंगे।

आरोप का जवाब 👇
1👇
लेखपाल संघ का मानना है कि शिकायतकर्ता ने दो जाति प्रणाम ऑनलाइन किये थे एक निरस्त कर दिया गया और एक जारी कर दिया गया है। कितना सही और गलत है यह जाँच है।

2👇
अगर राजनैतिक व लेखपाल संघ जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह पर दवाब बना कर निलंबन बापिस भी किया जाता है तब यह आरोप कैसे खत्म होगा कि शासकीय कार्य में लेखपाल रूचि नहीं लेता था।उच्चाधिकारियो के आदेशों की अवहेलना करता था। या फिर बिना बताये लेखपाल अवकाश पर जाता था।

लेखपाल विकास कुमार की पोस्टिंग अभी पूर्ण रूपेण नहीं हुई है लेकिन इससे पूर्व ही लेखपाल द्वारा रुपयों की मांग बताती है कि कितनी जल्दी अमीर बनने की लालसा बन गई है। इसी लालसा ने विकास कुमार को अब इस मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है क्योंकि लेखपाल विकास कुमार मृतका आश्रित के रूप में पोस्टिंग पर है।….इसी से समझ सकते है।

जिला प्रशासन लेखपाल के निलंबन का क्या रास्ता निकाल कर समाप्त करेंगे यह भी बड़ा दिलचस्प रहेगा। क्योंकि निलंबित करने में जितनी जल्दी की गई है उतनी जल्दी ही राजनैतिक सिफारिश शुरू भी हो चुकी है। लेखपाल संघ का दवाब भी बढ़ता दिखाई दें रहा है।…

निलंबन बापिसी के पत्र का इंतजार करते है।

देखते है कि जनता का शोषण जीतता है या फिर जनता का हित “!!!

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

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