कहा आरटीई के बच्चों को अनुदान नहीं तो दाखले नहीं:
सहारनपुर
नुमाइश कैंप स्थित जीजीएस पब्लिक स्कूल में उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त विद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा बाल दिवस को प्रतिभा दिवस के रूप में मनाया गया,कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष गय्यूर आलम व महानगर प्रभारी अजय सिंह रावत ने संचालन किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक मलिक ने कहा की निजी स्कूलों में ही प्रतिभाएं छिपी हुई है जिन्हें निखारने की आवश्यकता है आज का बच्चा कल का भविष्य है देश का गौरव है ,इसलिए हम बाल दिवस को प्रतिभा दिवस के रूप में मना रहे हैं । उन्होंने कहा की हम देश के युवाओं का भविष्य संवारने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वर्तमान सरकार निजी स्कूलों पर गरीब दुर्बल वर्ग के 25% कोटा आरक्षण के तहत बच्चों को थोपकर युवाओं का भविष्य बिगाड़ने पर उतारू है,उन्होंने कहा हम गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों को पढ़ाने से परहेज नहीं करते हैं गरीब का बच्चा भी पढ़ना चाहिए, लेकिन इन बच्चों को सरकार अपने स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ा रही है सरकार 12 वर्षों तक बच्चों को पढ़ाने के लिए एक बार ही किताब व ड्रेसों का पैसा दे पा रही है, इसके बाद बच्चों को किताबें और ड्रेस भी नहीं दिलावा पाती है अब ऐसे में बिना ड्रेस और बिना किताबों के बच्चों को कैसे पढ़ाएं इसका जवाब सरकार को देना चाहिए, ऐसे तो सरकार उन सभी बच्चों का भविष्य संवारने की बजाय अपितु उन बच्चों का भविष्य बिगाड़ने पर तुली हुई है इस प्रकार तो उन सभी गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है । उन्होंने कहा हमारे संघठनो के द्वारा बार बार धरना प्रदर्शन करने के बावजूद भी सरकार अपनी आंखें और कान बंद किये बैठी है अनेको धरने प्रदर्शन के बाद भी वर्तमान सरकार इन गरीब दुर्बल वर्ग के बच्चों के ड्रेस और किताबों का पैसा रिलीव करने को तैयार ही नहीं है, इसके अलावा सरकार गरीबों को लुभाने के लिए अन्य अन्य प्रकार की योजनाएं तो चला रही है परन्तु क्रियान्वयन करने के लिए नहीं उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर इस वित्तीय सत्र में यदि सरकार ने अभिभावकों का ड्रेस और किताबों का पैसा नहीं भेजा तो वर्ष 2025 और 26 के सत्र में हम बच्चों के प्रवेश ही नहीं लेंगे, वहीं प्रदेश सचिव अमजद अली एडवोकेट जिला अध्यक्ष के.पी सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा की वर्तमान सरकार शिक्षा विरोधी काम कर रही है, निजी स्कूलों के शिक्षको को समय पर मानदेय नहीं दे रही है जबकी पिछली सरकारों के द्वारा अनुदान तक दिया जाता था। लेकिन आज की यह सरकार अनुदान भी देने को तैयार ही नहीं है उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार के पास में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत निजी स्कूलों को देने के लिए कोई बजट ही नहीं है, या फिर शिक्षा में सुधार की कोई योजना नहीं है तो पुरानी सरकारों के द्वारा जो योजनाएं चल रही थी, उन्ही योजनाओं को बाहल कर देना चाहिए ताकि हम उसी से संतुष्ट हो जाएं. महानगर अध्यक्ष गयूर आलम व प्रभारी अजय सिंह रावत ने भी प्रोग्राम में अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि यदि सरकार को शिक्षा में सुधार करना है तो स्कूलों की मान्यता के लिए मानक सुलभ करने चाहिए पूर्व की सरकारों में पहले मान्यता दी जाती थी बाद में शर्तें पूरी किये जाने का 9/4 की मान्यता देने का प्रावधान था तो पूर्व की तरह मान्यता के मानक आसान करने चाहिए. इस अवसर पर ध्रुव शूद शशिकांत शर्मा मुकेश जावेद परवेज विनोद कुमार सिमरन मक्कड़ नेहा शिवानी साक्षी स्वेता मिगलानी रेखा रानी कृति प्रीति विनीता पायल आदि का विशेष सहयोग रहा अंत में प्रधानाचार्या श्रीमती उमा बटला ने आए अतिथियों का आभार व्यक्त किया ।