एटा उप कृषि निदेशक ने बताया है कि पराली की धटनाओं को देखते हुए भारत सरकार के द्वारा पराली / फसल अवशेष जलाने पर पूर्व निर्धारित पर्यावरणीय प्रतिकर (जुर्माना) में वृद्धि करते हुऐ इसको दोगुना कर दिया गया है। जो कि इस प्रकार है, 02 एकड से कम भूमि पर रूपए-5000.00 तथा 02 एकड से 05 एकड तक रूपए-10000.00 एवं 05 एकड से अधिक रूपए-30000.00 निर्धारित किया है।
उन्होंने किसान भाईयों से अपील है कि अपने खेतों में पराली / फसल अवशेष न जलाऐं, इनका सदुपयोग कर खेत में पलटकर खाद बनाऐं अथवा नजदीकी गौशालाओं को दान करें।
यदि कोई भी कृषक पराली / फसल अवशेष जलाता है तो सेटेलाइट से नहीं बच सकता तथा जुर्माना देने के लिए बाध्य होगा।