शारदा देवी जी धाम के लिलजी नदी के घाट पर धूम धाम से छठ पूजा मनाई गई और संध्याकाल में डूबते हुए सूर्य देव को महिलओ ने अर्घ्य दिया।
मैहर। शारदा देवी जी धाम के लिलजी नदी के घाट पर धूम धाम से छठ पूजा मनाई गई और संध्याकाल में डूबते हुए सूर्य देव को महिलओ ने अर्घ्य दिया। देश के अलग-अलग राज्यों में छठ महापर्व को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. नहाए-खाए, खरना और संध्याकाल में डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद 8 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जायेगा. छठ का त्योहार छठ मैया और भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है. इस त्योहार में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है. मान्यता है कि छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता मिलती है. संतान प्राप्ति और संतान के कल्याण के लिए भी सूर्य उपासना बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. छठ महापर्व के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है, इसके साथ ही व्रती महिलाएं अपने छठ व्रत का पारण करती हैं.