दुनिया का कोई भी धर्म हमें हिंसा व अशांति का पाठ नहीं पढ़ाता है : सज्जाद अली रहमानी

*हजरत सैयद गाजी मोमिन शीश अली शाह के शीश महल दरगाह, जाफरा बाजार में सभी को बताया गया जीवन का मंत्र*

गोरखपुर। दुनिया का कोई भी धर्म हमें हिंसा व अशांति का पाठ नहीं पढ़ाता है। जीवन का असल मंत्र करुणा, प्रेम, दया, साधना, विश्वास ही मानव जीवन का महत्वपूर्ण श्रृंगार है। जिस इंसान के जीवन में इसका अभाव है, वह मानवीयता से परे है। यह बातें जाफरा बाजार स्थित शीश महल दरगाह के गद्दीनशीन सज्जाद अली रहमानी ने हजरत सैयद गाजी मोमिन शीश अली शाह रहमतुल्लाह अलैह के अनुयायियों को मानवीय सरोकार से ओतप्रोत जीवन आनंद और इबादत में रुचि लेने की प्रेरणा दी गयी। उन्होंने कहा कि अगर हमें शांति प्राप्त करना है तो हमें अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए। जीवन को सुखी बनाने के लिए हमें धर्म द्वारा बताई गई बातों का अनुसरण करना चाहिए। रहमानी ने कहा कि दुनिया का कोई भी धर्म हमें हिंसा व अशांति का पाठ नहीं पढ़ाता है। आज मानव को मानव से जोड़ने का प्रयास करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश में फैल रही हिंसा को रोकने की जरूरत है।

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निशाकांत शर्मा (सहसंपादक)

यह खबर /लेख मेरे ( निशाकांत शर्मा ) द्वारा प्रकाशित किया गया है इस खबर के सम्बंधित किसी भी वाद - विवाद के लिए में खुद जिम्मेदार होंगा

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