डॉ मनोज श्रीवास्तव की पुस्तक ‘खुशी’ का केंद्रीय मंत्री ने किया विमोचन
ब्रह्माकुमारीज के मीडियाविंग द्वारा आबू रोड के आनंद सरोवर में 5 दिवसीय राष्ट्रीय मीडिया सेमिनार का उदघाटन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मरूगन द्वारा किया गया।केंद्रीय राज्य सूचना एवं प्रसारण मंत्री डॉ एल मुरुगन ने कॉन्फ़्रेन्स के दौरान उत्तराखंड सूचना विभाग के उपनिदेशक मनोज श्रीवास्तव द्वारा डॉ शिप्रा मिश्रा के सहयोग से लिखित पुस्तक “आध्यात्मिक चेतना से पाएं-खुशी” का विमोचन किया,जिसमे विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलपति डॉ श्रीगोपाल नारसन भी शामिल हुए।केंद्रीय मंत्री मरूगन ने मूल्यों पर आधारित खुशी पुस्तक की सराहना की।ब्रह्माकुमारीज संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन भाई व शीलू दीदी ने पत्रकारिता को आध्यात्मिकता से जोड़ने पर जोर दिया ताकि स्वच्छ व स्वस्थ पत्रकारिता का उदभव हो सके। अतिथियों का स्वागत करते हुए ब्रह्माकुमारीज मीडिया समन्वयक बीके शांतनु ने कहा कि इस आध्यात्मिक एवं सुखद वातावरण में मीडिया कर्मियों को निश्चित ही असीम शांति व खुशी की अनुभूति हो रही होगी और वे सकारात्मक पत्रकारिता की प्रेरणा लेकर देश व समाज के लिए बेहतर कार्य कर सकेंगे।इस कांफ्रेंस में देशभर से बड़ी संख्या में आए पत्रकारो,मीडिया प्राध्यापको व संस्थान प्रमुखों ने मीडिया की वर्तमान दशा व दिशा पर चिंतन किया व पत्रकारों को आध्यात्मिकता से जोड़कर उनके चारित्रिक उत्थान के लिए स्वस्थ व सुखी समाज की पुनः स्थापना के लिए स्वयं में बदलाव की टिप्स दी।ब्रह्माकुमारीज मीडियाविंग के चेयरपर्सन बीके करुणा भाई ने कहा कि मीडिया अपनी सार्थक जिम्मेदारी निभा रहा है और मीडिया का राष्ट्रीय व सामाजिक सरोकारों को आमजन के सामने लाने में अहम योगदान है।उन्होंने बताया कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान पिछले 27 वर्षों से पत्रकारिता को आध्यात्मिकता से जोड़कर देश विदेश के पत्रकारों को मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के लिए प्रशिक्षित करता रहा है।स्वस्थ और सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण :मीडिया की भूमिका’विषय पर मुख्य अतिथि केंद्रीय एल मरूगन ने कहा कि उनके लिए माउंट आबू आना ही सबसे ज्यादा सुखद है।उनके घर के पास ही ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र है,जहां वे यदा कदा जाते रहे है,उन्हें माउंट आबू चलने के लिए बहनों ने कई बार कहा परन्तु यहां पहले आ नही सका।लेकिन आज ब्रह्माकुमारीज चीफ दादी रतनमोहिनी के साथ मंच साझा करके मन खुश हो गया।उन्होंने देश के विकास में मीडिया की सकारात्मक भूमिका पर बोलते हुए मीडिया को ही विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने का श्रेय दिया।साथ ही मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी मीडिया की जिम्मेदारी निभाने की प्रशंसा की।
उन्होंने माना कि वास्तव में राष्ट्रीय मीडिया सेमिनार का मुख्य उद्देश्य मीडिया के क्षेत्र में नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक पत्रकारिता की ओर पत्रकारों को प्रेरित करना है, साथ ही पत्रकारों के मानसिक तनाव को राजयोग के अभ्यास से कम करना भी एक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पत्रकार ऐसे लोगों की आवाज को उठाएं जो असक्त हैं और अपनी स्वयं की रक्षा नहीं कर सकते। यदि पत्रकारों को मूल्यनिष्ठ ,कर्तव्यनिष्ठ व चरित्रवान बनाने के लिए समय समय पर प्रशिक्षित किया जाए तो मीडिया जगत में सच परोसने वालो की संख्या बढ़ सकती है।
वर्तमान दौर में मीडिया के माध्यम से परोसे जा रहे सत्य की सारगर्भित विवेचना होने और देश की अर्थव्यवस्था, चुनाव, राजनीति व मीडिया की स्वतंत्रता को भी रेखांकित किया गया है। मीडिया की विभिन्न चुनोतियो की ओर ध्यानाकर्षण कराने और मिडिया पर आए संकट को भी परिभाषित करने की सोच बनी है। वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिपाठी ने कहा कि अगर ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं के माध्यम से पत्रकारों को समय समय पर मिशनरी पत्रकारिता के लिए प्रशिक्षण दिया जाए व उन्हें राजयोग का नियमित अभ्यास कराकर उन्हें उनका कर्तव्य बोध कराया जाए तो अप्रमाणिक ख़बर परोसने वालो की संख्या घट सकती है और सत्य आधारित मूल्यपरक पत्रकारों की संख्या में आशातीत बढ़ोतरी हो सकती है।राजयोगिनी सरला बहन ने मीडिया के संदर्भ में पत्रकारों के चरित्रनिर्माण पर जोर दिया,उनका कहना है कि देश और समाज को उन्नत करने के लिए मूल्यो को समझना व उनपर चलना जरूरी है। मीडिया में अपेक्षित सुधार के लिए ब्रह्माकुमारीज के द्वारा आयोजित की जाने वाली नेशनल मीडिया सेमिनारों की आज के दौर में सबसे ज्यादा आवश्यता है।
तभी मीडिया अच्छे काम करके देश व समाज मे अपनी सार्थक भूमिका निभा सकता है।वरिष्ठ पत्रकार संजय द्विवेदी का मानना है कि लोकतंत्र में मीडिया के महत्व को नकारा नही जा सकता और ब्रह्माकुमारीज के इस विषयक योगदान की सराहना होनी ही चाहिए।क्योंकि ब्रह्माकुमारीज के माध्यम से पत्रकारों को निरन्तर मूल्याधारित पत्रकारिता का प्रशिक्षण देकर हालात बदले जा रहे है,जो सार्थक परिणामो का असर है।पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मान सिंह परमार कहते है कि पत्रकारों द्वारा की गई सामाजिक सेवा व सामाजिक मूल्यों को बचाये रखने के पत्रकारों के योगदान के भुलाया नही जा सकता।साथ ही वे अच्छी सोच विकसित करने पर भी जोर देते है ,तभी हम मीडिया को अच्छा बना सकते है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया को लेकर प्रेस परिषद बनाने की भी जरूरत बताई।मीडिया में आये दिन हो रहे बदलाव और उसके प्रभाव को लेकर भी इस मीडिया सेमिनार में भी चर्चा की गई।वही कई वक्ताओँ ने माना कि पत्रकारिता के क्षेत्र में समाज की अपेक्षाओं और इस दिशा में आमजनमानस की सोच को रेखांकित करते हुए बाजारवाद के बाद भी मूल्यों का बचा रहना ब्रह्माकुमारीज जैसी संस्थाओं के माध्यम से ही संभव हो पा रहा है। पत्रकार अपने समाचार के माध्यम से समाज में आशा जगाने वाली सकारात्मक खबरों को प्रस्तुत करने की पहल भी ब्रह्माकुमारीज से प्रेरित होकर कर रहे है। मीडिया समाज लोक मंगल कार्य में बहुत प्रभावकारी है। जैसे डॉक्टर शरीर के स्वास्थ्य के लिए है, उसी प्रकार मीडिया मानसिक स्वास्थ्य समाज को दे सकता है। अगर देश को सही मायने में स्वर्णिम भारत बनाना है तो मीडिया को सच्चाई दिखाने के दरवाजे खोलने पड़ेंगे।
डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
पोस्ट बॉक्स 81,रुड़की, उत्तराखंड
मो0 9997809955